भोपाल ।  मध्य प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को पदोन्नति के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा। पदोन्नति में आरक्षण मामले की सुनवाई एक बार फिर आगे बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट अब दो सप्ताह बाद सुनवाई करेगा। कोर्ट ने मंगलवार को अनुसूचित जाति एवं जनजाति संगठन कर्नाटक की याचिका, बिहार सरकार की प्रकरण वापसी की अपील और भारत सरकार के अवमानना संबंधी प्रकरण की सुनवाई की। इसके बाद दो सप्ताह के लिए सुनवाई आगे बढ़ा दी।कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मंगलवार को प्रदेश का प्रकरण सुना जाएगा, क्योंकि मई 2022 से लगातार सुनवाई आगे बढ़ रही है। वहीं सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण संस्था (स्पीक) ने भी मामले में जल्द सुनवाई का आवेदन लगाया है, लेकिन अन्य राज्यों के प्रकरण सुनने में ज्यादा समय लग गया। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट में ग्रीष्म अवकाश समाप्त होने के बाद 17 अगस्त को सुनवाई तय हुई थी, लेकिन अस्वस्थता के कारण अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल सुनवाई में नहीं पहुंच पाए। कोर्ट ने एक सितंबर को सुनवाई तय की थी, वह भी आगे बढ़ाकर छह सितंबर कर दी गई थी। इस प्रकरण के चलते प्रदेश में सवा छह साल से पदोन्न्ति पर रोक लगी है और 70 हजार से अधिक कर्मचारी इस अवधि में सेवानिवृत्त हो चुके हैं।