भोपाल । पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के मीडिया सलाहकार और वरिष्ठ कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा भाजपा के विवादित ऑडियो कांड में उलझते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस नेता को क्राइम ब्रांच ने 5 सितंबर को ग्वालियर क्राइम ब्रांच थाने में तलब किया था, लेकिन पुलिस अफसरों की माने तो सलूजा ने व्यक्तिगत कारण बताते हुए 7 दिन का समय मांगा है। पर जब कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा से इस मामले में बात की गई तो उनका स्पष्ट कहना था कि उनको कोई नोटिस नहीं मिला है। उनको तो मीडिया के माध्यम से ही पता लगा कि क्राइम ब्रांच ने उन्हें तलब किया है। अब यह मामला कुछ पेचीदा मोड़ पर पहुंच गया है। कौन सच बोल रहा है कौन झूठ यह तो आगे समय के साथ ही पता लगेगा। सोशल मीडिया पर 27 अगस्त को एक ऑडियो कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के मीडिया सलाहकार नरेन्द्र सलूजा ने वायरल किया था। वायरल ऑडियो ने सोशल मीडिया के जरिए राजनीतिक गलियारों में हंगामा मचा दिया था। ऑडियो में दो लोगों के बीच नगरीय निकाय चुनाव में टिकट को लेकर बातचीत सुनाई दे रही थी। एक पक्ष दूसरे पक्ष से टिकट के संबंध में बात कर रहा था। दूसरा पक्ष पांच लाख रुपए में टिकट पक्का करने की बात कह रहा था। नरेंद्र सलूजा ने यह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं का ऑडियो बताते हुए वायरल किया था। भाजपा ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए 27 अगस्त को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ग्वालियर अमित सांघी को लिखित शिकायत की थी। साथ ही कहा था कि इस तरह के ऑडियो टेप से भाजपा की छवि खराब करने का काम किया गया है। एसएसपी अमित सांघी ने तत्काल क्राइम ब्रांच को मामले की जांच सौंपी थी। इसी मामले की जांच के लिए सलूजा को सोमवार (5 सितंबर) को तलब किया गया था, लेकिन सोमवार को कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा क्राइम ब्रांच थाने नहीं पहुंचे हैं। उनके आने को लेकर कई अटकलें शाम तक चलती रहीं।

पुलिस बोली-सलूजा ने मांगा 7 दिवस का समय
एएसपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडौतिया ने बताया कि जिसने ऑडियो क्लिप वायरल किया था उनको बुलाया गया था, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से वह नही आ सके हैं। उन्होंने क्राइम ब्रांच से एक सप्ताह का समय मांगा है। एक सफ्ताह बाद क्राइम ब्रांच ऑफिस में आएंगे। जहां उन्हें अपने मोबाइल और उस कथित ऑडियो को जांच के लिए देना होगा। इस ऑडियो मामले में कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा का कहना है कि उनको कोई नोटिस ग्वालियर क्राइम ब्रांच से नहीं मिला है। उन्होंने भाजपा का कोई ऑडियो वायरल नहीं किया है। सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो को कुछ सेकंड के लिए ट्वीटर पर डालकर हटा दिया था। भाजपा के किसी नेता का उन्होंने नाम तक नहीं लिया है। उन्हें कोई नोटिस मिलेगा तो अपना पक्ष जरुर रखेंगे।