भोपाल    मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों के बढ़ते बस्तों बोझ कम करने के लिए सूबे की शिवराज सरकार ने नई पॉलिसी लागू की है। पॉलिसी के अनुसार पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा के बच्चों के बस्तों से बोझ कम किया जाएगा। इसी तरह आदेश के अनुसार प्राइमरी स्कूल के बच्चों के बैग का वजन ढाई किलो से ज्यादा नहीं होगा। दरअसल, आदेश के अनुसार प्रदेश के सभी सरकारी, गैर सरकारी और अनुदान प्राप्त स्कूलों में अब बच्चों पर बस्तों और होमवर्क का बोझ कम होगा। स्कूल शिक्षा विभाग ने 2019 के आदेश को रद्द कर नए सिरे से अपनी स्कूल बैग पॉलिसी 2020 जारी की है। जानकारी के अनुसार बस्ते में राज्य सरकार और एनसीईआरटी द्वारा तय की गई पुस्तकें ही रखी जाएगी। साथ ही दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को होमवर्क भी नहीं दिया जा सकेगा। कक्षा 3 से 5वीं कक्षा तक सप्ताह में 2 घंटे, कक्षा 6वीं से कक्षा 8वीं तक प्रतिदिन 1 घंटे और कक्षा 9वीं से कक्षा 12वीं तक के बच्चों को हर दिन अधिकतम 2 घंटे का होमवर्क ही देना होगा। वहीं सभी स्कूल को अपने नोटिस बोर्ड पर बस्ते के वजन का चार्ट लगाना होगा। जानकारी मिली है कि कंप्यूटर, नैतिक शिक्षा और सामान्य ज्ञान की कक्षाएं बिना पुस्तकों के लगानी होेगी। और साथ ही इसके सप्ताह में एक दिन बच्चों को बिना बैग के बुलाना होगा।

डीएम के आदेश पर बीएसए ने की कार्रवाई

बता दें कि पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक के बच्चों के लिए 1.6 किग्रा से 2.5 किग्रा वजन तय किया गया है। इसी तरह 9वीं और 10वीं के बच्चों के बस्ते का वजन 4.5 किलोग्राम तक होगा। 

पहली कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
दूसरी कक्षा- 1.6-2.2 किग्रा
तीसरी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
चैथी कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
पांचवीं कक्षा- 1.7-2.5 किग्रा
छठवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
सातवीं कक्षा- 2-3 किग्रा
आठवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
नौवीं कक्षा- 2.5-4 किग्रा
दसवीं कक्षा- 2.5-4.5