जबलपुर ।   आइटी पार्क में चल रहे निर्माण कार्यों की गति देने का काम शुरू हो गया है। सड़क निर्माण की मौजूदा स्थिति देखने के लिए बुधवार को मौके पर कलेक्टर इलैयाराजा टी, निगमायुक्त आशीष वरिष्ठ और स्मार्ट सिटी के कार्यपालन यंत्री शिवेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। इस दौरान सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने का निर्णय लिया। इसमें मुख्यतौर पर बिजली के पोल शिफ्ट करने को लेकर चर्चा हुई। सड़क का अधिकांश काम हो गया है, लेकिन पोल शिफ्ट का काम समय पर न होने की वजह से दिक्कत आ रही है। कार्यपालन यंत्री ने कलेक्टर का बताया कि यहां से लगे सब-स्टेशन में लगभग 32 से ज्यादा फीडर हैं, जिससे शहर के अधिकांश क्षेत्र में बिजली सप्लाई होती है। इन्हें एक साथ बंद नहीं किया जा सकता। कलेक्टर ने कहा कि एक-दो फीडर को बंद करके यहां काम किया जाए, ताकि त्यौहार पर शहर की बिजली सप्लाई प्रभावित न हो। स्मार्ट सिटी के द्वारा 18.40 करोड़ रुपये की लागत से आईटी पार्क रोड का निर्माण कराया जा रहा है। कलेक्टर-निगमायुक्त द्वारा सड़क निर्माण कार्य का निरीक्षण के दौरान अधिकारियों एवं ठेकेदार को निर्माण कार्य में गति लाने और 31 दिसम्बर तक काम खत्म करने का निर्देश दिया। इधर तिलवारा चौक से आइटी पार्क, नया गाव होते हुए एमपीबी विद्युत उपकेन्द्र तक सड़क बनाई जा रही है। इस सड़क की लंबाई 2.2 किलोमीटर है और चौड़ाई 24 मीटर, जिसे 31 मार्च 2023 तक पूरा करना है।

निवेशकों की जमीन का विवाद पर हड़कंप

आइटी पार्क में चल रहे कामों की देखने के लिए मौके पर पहले से निगमायुक्त और कार्यपालन यंत्री थे। इस बीच अचानक कलेक्टर भी पहुंच गए। उनके अचानक आने को लेकर चर्चा भी हुई। सूत्रों के मुताबिक कलेक्टर के इस औचक निरीक्षण को आइटी पार्क में 11 निवेशकों की जमीन विवाद के बाद मचे हंगामे और जांच से भी जोड़ा जा रहा है। खबर है कि निवेशकों की जमीन और इस पर निजी कालेज के दावों से जुड़े मुद्दों पर प्रशासन ने अपने स्तर पर खंगालना शुरू कर दिया है।

जांच के बाद क्या होगा

प्रौद्योगिक मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा ने 11 निवेशकों की जमीन आवंटन में उपजे विवाद की विभागीय जांच के निर्देश दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि आइटी पार्क के नए प्रभारी राजेंद्र राय ने भी इससे जुड़े विषयों की जांच अपने स्तर पर शुरू की है। आइटी पार्क के नक्शे में निजी जमीन को दिखाकर वहां पर निर्माण कार्य करने में किन अधिकारियों के बीच सांठगांठ चली, इसके लिए वर्तमान और पूर्व प्रभारियों से जुड़ी जानकारी खंगाली जा रही हैं।