जबलपुर ।    सर, लाचार हूं ट्रांसफर निरस्त करवा दीजिए। हाथ में वाकर लेकर पहुंचे एक कर्मचारी ने इस आशय का आवेदन पत्र कलेक्टर को दिया। कलेक्टर ने आवेदन का मजमून पढ़ा तो उनको सबकुछ समझ में आ गया। उन्होंने संबंधित कर्मचारी के तबादला आदेश की तारीख देखी और फिर उस पर सवालों की बौछार कर दी। ठीक-ठीक जवाब दे पाने में असमर्थ कर्मचारी को जैसे ही कलेक्टर ने सस्पेंड कराने की बात कही, वो वाकर को ही हाथ में लेकर क्षमा मांगते हुए वहां से भाग खड़ा हुआ। जिन महाशय की बात की जा रही है वो हैं नागरिक आपूर्ति निगम में सहायक के पद पर कार्यरत जेपी मिश्रा। उनका तबादला आदेश जून महीने का है, लेकिन उन्होंने अपनी नवीन पदस्थापना वाले जिले में आमद नहीं दी। कलेक्टर डा. इलैयाराजा टी ने जैसे ही यह देखा कि आवेदक नरसिंहपुर जिले में पदस्थ है, जबकि उसको जबलपुर के पाटन में अटैच करके रखा गया है, तो उन्होंने पहले तो फोन पर डीएम-नान को फटकार लगाई और फिर जेपी मिश्रा से बात शुरू की। उन्होंने पूछा रिलीव कर दिए गए हो या नहीं। अगर रिलीव हो चुके हो तो दो महीने से क्या कर रहे हो? शासन के आदेश की अवहेलना करते हो। रुको, तुमको अभी सस्पेंड कराता हूं। कलेक्टर का रोल देखकर वाकर के सहारे वहां पहुंचा जेपी मिश्रा, माफी मागते हुए हाथ में वाकर लेकर वहां से निकल लिया। पाटन में कार्यरत इस कर्मचारी की लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं। इसे किसी ने ज्ञान दिया कि कलेक्टर साहब बड़े दयालु हैं, उनसे मिल लो चुटकी में काम हो जाएगा। लेकिन उसका दांव उलटा पड़ गया।