भोपाल  । पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव से सबक लेते हुए भाजपा ने विधानसभा चुनाव से पहले दगाबाज और हवाबाज नेताओं पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी। इसके लिए जिलों से ऐसे नेताओं की सूची मंगाई गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश भाजपा ने तय कर लिया है कि निकाय और पंचायत चुनाव में पार्टी के जिन ओहदेदार नेताओं ने दगाबाजी की है, उनसे पचमढ़ी की बैठक के बाद पद छीन लिए जाएंगे, साथ ही पार्टी का झंडा और लेटरहेड के बल पर अपनी राजनीति चमकाने वाले नेताओं के भी पर कतर दिए जाएंगे।
जानकारों की मानें तो प्रदेश संगठन ने इसके लिए अपना होमवर्क पूरा कर लिया है, बस उस पर मोहर लगना शेष है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे कुछ नेताओं को कार्यसमिति की बैठक से भी दूर रखा जा सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा ने निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए संगठन में दायित्व संभाल रहे लगभग प्रत्येक नेता को जिम्मेदारी सौंपी थी। चुनाव के बारे प्रदेश संगठन के पास इनमें से कुछ नेताओं के खिलाफ गंभीर शिकायतें पहुंची हैं। इनमें से कुछ शिकायत पार्टी के समर्थित और अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ काम करने की भी हैं। जिला संगठन की शिकायत मिलने के बाद इन नेताओं से प्रदेश संगठन बेहद नाराज है और उनके खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने भोपाल प्रवास के दौरान ऐसे नेताओं पर फौरन कार्रवाई करने को कहा था। पार्टी सूत्रों की मानें तो केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भोपाल प्रवास और पचमढ़ी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के तत्काल बाद इन नेताओं पर पार्टी बड़ा और कड़ा निर्णय लेगी। बीते दिनों प्रदेश स्तरीय बैठक में ऐसे पदाधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया गया, जिन्होंने निकाय चुनाव में दगाबाजी की है। इसके लिए संगठन ने विभिन्न माध्यम से प्राप्त शिकायतों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कराई है। प्रभारियों से भी जानकारी मांगी गई है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि एक सप्ताह में कार्रवाई का निर्णय ले लिया जाएगा। वहीं, कुछ विधायक व पदाधिकारियों द्वारा अधिकारियों-कर्मचारियों से दुव्र्यवहार की घटनाएं सामने आने पर कहा गया कि इससे पार्टी की छवि धूमिल होती है। इससे भी नेताओं को बचने की हिदायत दी जा रही है।
जानकारों की मानें तो क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने भोपाल प्रवास के दौरान प्रदेश संगठन से कहा था कि ऐसे नेताओं की सूची तैयार कराएं, जो दूसरे दल से भाजपा परिवार में शामिल हुए हैं। उन्हें भाजपा की कार्यप्रणाली और आचार-विचार के बारे में बताया जाए। इसके बाद प्रदेश संगठन ने अपने सभी जिलाध्यक्षों से दूसरे दलों से भाजपा में शामिल हुए नेताओं व कार्यकर्ताओं की जानकारी मांगी है। बताया गया है कि इसी माह प्रदेश संगठन ये तय करेगा कि इन नेताओं के •लिए कैसे अलग से कार्यक्रम तय कर प्रशिक्षण दिया जाए। इनके प्रशिक्षण के लिए अलग से पाठ्यक्रम तय किया जाएगा। इतना ही नहीं, सभी जिला अध्यक्षों से कहा गया है कि उन्हें काम मिला है तो अच्छे से करें और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के बीच में काम बांटें लेकिन जो जिम्मेदारी सौंपी गई है, उसे पूरी करना जरूरी है। संगठन ने यह भी कहा है कि पार्टी के कार्यक्रमों और बैठकों को लेकर सत्ता से सहयोग नहीं लिया जाना है। यह काम संगठन को अपने स्तर पर करना है। इसका भी ध्यान रखा जाए और ऐसे मामलों में शिकायतों की स्थिति नहीं बनने पाए।
स्थानीय चुनाव नतीजों के बाद भाजपा और सरकार दोनों विधानसभा चुनाव को लेकर गंभीर है। 2018 में भाजपा हारी थी, इसलिए उसी हिसाब से तैयारी हो रही है। स्थानीय चुनाव के नतीजों में जहां कमी रही, उन पर पांच दिन के भीतर रिपोर्ट बनेगी। तीन सबक इन चुनाव परिणामों से पार्टी के सामने हैं। पहला टिकट देने में सटीक फैसले करने होंगे। दूसरा असंतोष और बागियों को संभालना जरूरी है। तीसरा, जातिगत सहित सभी समीकरणों के अलावा बूथ सशक्तीकरण जरूरी है। पचमढ़ी चिंतन के बाद इसी पर काम होगा। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए भाजपा में फिलहाल की स्थिति में सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह अहम किरदार रहेंगे। मौजूदा स्थिति में इनके हिसाब से चुनाव की रणनीति तय की जा रही है। पार्टी का लक्ष्य वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी है। इसके तहत 51 प्रतिशत वोट भाजपा को चाहिए। अभी निकाय चुनाव में 53 प्रतिशत वोट प्रतिशत मिला है। कमजोर बूथों को मजबूत बूथ में बदलना है। टिकट फॉर्मूले पर काम करना है, लेकिन यह चुनाव के समय ही होगा। विधानसभा स्तर पर 25 व लोक सभा पर 100 बूथ सशक्तीकरण का लक्ष्य है। विधानसभा स्तर पर हर बूथ पर 10 व लोकसभा के स्तर पर 30 प्रतिशत कार्यकर्ता जोड़े जाएंगे। आगे की रणनीति पचमढ़ी मंथन के बाद तय होगी।