जयपुर । पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने कृषि एवं पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे पशु चिकित्सकों एवं कृषि पर्यवेक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिये बीमारी की स्थिति एवं रोकथाम के लिए किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा की।
मंत्री लालचंद कटारिया ने प्रदेश के गौवंशीय पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन डिजीज को लेकर कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार, पशुपालन विभाग के शासन सचिव पीसी किशन एवं विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पंत कृषि भवन में बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि इस रोग का बचाव ही उपचार है, ऐसे में जन जागरूकता अभियान के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कृषि पर्यवेक्षकों एवं सुपरवाइजर्स को भी इससे जोडऩे के निर्देश दिए। पशुपालन मंत्री ने बताया कि गौवंशीय पशुओं में फैल रही लम्पी स्किन रोग की स्थिति पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।  कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार पूरी गंभीरता व संवेदनशीलता के साथ पशुओं में फैल रहे लम्पी डिजीज पर नियंत्रण पाने के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों एवं स्थानीय प्रशासन की त्वरित क्रियाशीलता के चलते कुछ जिलों में संक्रमण एवं मृत्यु दर में कमी आई है।इससे पूर्व मुख्य सचिव श्रीमती ऊषा शर्मा ने आयुर्वेद एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर लम्पी रोग के बचाव एव रोकथाम में कारगर आयुर्वेदिक औषधियों पर चर्चा की। उन्होंने आयुर्वेद विभाग के अधिकारियों को कारगर आयुर्वेदिक औषधियों का उपयोग करने के सम्बन्ध में आवश्यक परिपत्र एवं मार्गदर्शिका जारी करने के निर्देश दिए। श्रीमती शर्मा ने लम्पी स्किन रोग की समीक्षा करते हुए तत्काल गोट पॉक्स वैक्सीन खरीदने के निर्देश भी दिए।