मध्यप्रदेश में ग्रामीण बेघर परिवारों का स्वयं के घर का सपना पूरा करने के सुनियोजित प्रयास हो रहे हैं। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की मौजूदा ग्रामीण आबादी में से करीब 1 करोड़ 59 लाख परिवार कच्चे मकानों में रहते हैं। इनमें से करीब 80 लाख ऐसे परिवार है जिनके घर की छत घास-फूस की है। ऐसे जरूरतमंद परिवारों को पक्की छत मुहैया करवाने के लिये इंदिरा आवास योजना के साथ ही मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन और मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना में भी बड़ी तादाद में मकान बनाने का काम हो रहा है। आवासों में स्वच्छता के लिये अब मर्यादा अभियान के जरिये पक्के शौचालय भी अनिवार्य रूप से बनाये जा रहे हैं।

इंदिरा आवास

मध्यप्रदेश में बेघर ग्रामीणों की जरूरत के अनुसार इंदिरा आवास योजना में पर्याप्त संख्या में आवास आवंटित नहीं हो पा रहे हैं। वर्तमान में इस योजना में प्रदेश को करीब 1 लाख आवास दिये जा रहे हैं। इस कमी को पूरा करने और बेघर तथा कच्चे मकानों में रह रहे ग्रामीण परिवारों के लिये हर साल विभिन्न योजनाओं में 10 लाख से ज्यादा मकान बनाने का काम शुरू हुआ है। इस साल प्रदेश में 1 लाख 12 हजार से अधिक इंदिरा आवास बनेंगे। इनमें से 30 हजार 990 आवास इंदिरा आवास-होम स्टेट योजना में और 53 हजार 360 आवास इंदिरा आवास-एफआरए योजना में बनाये जायेंगे। राज्य सरकार के प्रयासों से इंदिरा आवास योजना में मिलने वाली राशि में भी अब चार गुना की बढ़ोतरी हो चुकी है।

शहरों में श्रमिकों के लिये आवास

प्रदेश के शहरी इलाकों में मजदूरी के लिये ग्रामीण अंचलों से आये श्रमिक परिवारों के लिये भी इस वर्ष करीब 2 लाख आवास बनाने की महती योजना शुरू हुई है। प्रदेश में मुख्य श्रमिक आवास संगठन बनाया जा रहा है। इस कल्याणकारी फैसले से शहरों में रह रहे बेघर मजदूरों का अब अपना घर बन सकेगा।

मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास

प्रदेश में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले अनुसूचित जाति और जनजातियों के ऐसे परिवारों, जो आवासहीन हैं या कच्चे घरों में रहते है, के लिये मुख्यमंत्री अंत्योदय आवास योजना शुरू की गई। इस योजना में हर बेघर परिवार को 70 हजार रूपये लागत का मकान शत-प्रतिशत अनुदान सहायता आधार पर दिया जा रहा है। राज्य में वर्ष 2012-13 में इस योजना के जरिये 29 करोड़ 6 लाख की लागत से 5846 अंत्योदय आवास का निर्माण हुआ। इस वित्त वर्ष में 5005 परिवार को 35 करोड़ 3 लाख रूपये लागत से 5 हजार से अधिक अंत्योदय आवास बनाकर दिये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन

प्रदेश में मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास मिशन क्रियान्वित है। इस मिशन में गरीब परिवारों को अब 1 लाख 20 हजार रूपये लागत के आवास बनाने के लिये मदद दी जाती है। इसमें 50 हजार रूपये बैंक ऋण और राज्य सरकार द्वारा 50 हजार रूपये का शासकीय अनुदान शामिल हैं। हितग्राही परिवार को अपनी ओर से मात्र 20 हजार रूपये खर्च करना पड़ते हैं। बैंक ऋण और अनुदान सहायता आवास निर्माण की प्रक्रिया के दौरान तीन चरण में दी जाती है। मिशन के जरिये बन रहे सभी घरों में पक्के शौचालयों का निर्माण भी साथ ही करवाया जा रहा है। हितग्राही परिवारों को पात्रता अनुसार निर्मल भारत अभियान के अंतर्गत पक्के शौचालयों के निर्माण के लिये 9 हजार रूपये की अनुदान सहायता दी जा रही है।

फरवरी 2011 में मिशन की शुरूआत से अब तक बैंकों द्वारा 1 लाख 97 हजार 514 प्रकरण को मंजूरी दी गई है और 1 लाख 32 हजार 380 प्रकरण में हितग्राहियों को ऋण का वितरण हो चुका है। अब तक 25 हजार से अधिक हितग्राही के आवास बनकर तैयार हो चुके हैं और 1 लाख से ज्यादा आवास का निर्माण प्रगति पर हैं। मिशन के माध्यम से ऐसे हितग्राहियों को अब तक स्वयं का आवास बनाने के लिये 795 करोड़ की सहायता राशि मुहैया करवाई जा चुकी है। मध्यप्रदेश के इस मिशन को देश के कई राज्य ने सराहा और अपनाया है।