न्यूयॉर्क : पूरी दुनिया में हर साल गर्मी का सितम लगातार बढ़ता ही जा रहा है। लेकिन आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि साल 2014 अब तक का सबसे गर्म साल रहा है। 58 देशों के 413 वैज्ञानिकों के योगदान से तैयार एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।

निष्कर्ष के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन के कई संकेतों जैसे भूमि व समुद्र के तापमान में वृद्धि, समुद्री स्तर व ग्रीन हाउस गैसों ने साल 2014 में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। 'नेशनल रिकॉर्डस' द्वारा साल 1901 से लेकर अबतक दर्ज किए गए आंकड़ों में साल 2014 सबसे गर्म साल के रूप में सामने आया है।

साल 2014 में दक्षिण एशिया का औसत तापमान पहले की अपेक्षा ज्यादा गर्म महसूस किया गया। भारत के लिए सालाना औसत तापमान 1961-90 की तुलना में 0.52 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

रिपोर्ट तैयार करने वाले अमेरिकी नेशनल ओशिएनिक एंड एटमॉस्फेयर एडमिनिस्ट्रेशन के थॉमस कार्ल ने कहा कि यह रिपोर्ट पूरी दुनिया के सैकड़ों वैज्ञानिकों के आंकड़ों का प्रतिनिधित्व करता है और साल 2014 में क्या हुआ था, इसकी स्पष्ट तस्वीर पेश करता है।

कार्ल ने कहा कि संकेतकों की विविधता यह दर्शाती है कि हमारी जलवायु में किस प्रकार परिवर्तन आ रहा है, केवल तापमान के रूप में ही नहीं बल्कि समुद्र की गहराई से लेकर बाहरी वातावरण तक। स्टेट ऑफ द क्लाइमेट इन 2014 नाम से रिपोर्ट अमेरिकी मेटेरोलॉजिकल सोसायटी के बुलेटिन के साथ विशेष परिशिष्ट के रूप में प्रकाशित हुआ है।