कंपनियों को बोर्ड स्तर पर एक नीति बनानी होगी। उसके बाद वे किसी भी अस्पताल को पैनल में ला सकती हैं। इस फैसले से कैशलेस सुविधाओं के नियमों को आसान बना दिया गया है। अब ज्यादा-से-ज्यादा अस्पतालों में मरीजों को कैशलेस इलाज की सुविधा मिल सकेगी। भारतीय बीमा विकास एवं विनियामक प्राधिकरण ने बीमा कंपनियों को मर्जी से अस्पतालों को पैनल में शामिल करने की आजादी दी है।कंपनियों को बोर्ड स्तर पर एक नीति बनानी होगी। उसके बाद वे किसी भी अस्पताल को पैनल में ला सकती हैं। इस फैसले से कैशलेस सुविधाओं के नियमों को आसान बना दिया गया है।