इंदौर। व्यापमं घोटाले में चौतरफा घिरे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बचाव में पूरी भाजपा ने मैदान संभाल लिया। प्रदेश के सभी संभागीय मुख्यालयों में केंद्रीय नेताओं को भेजकर सरकार और शिवराज का पक्ष मजबूती से रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इंदौर में केंद्रीय वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस 'सफाई अभियान" की कमान संभाली।

शिवराज को क्लीनचिट देते हुए उन्हें अपना नेता भी बता दिया लेकिन अगला चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़े जाने के सवाल पर चुप्पी साध ली। कांग्रेस से उनके शासन काल में हुए 12 लाख करोड़ के घोटालों का जवाब मांगा लेकिन अपनी ही पार्टी के नेताओं के व्यापम से जुड़े बयानों से यह कहकर किनारा कर लिया कि किसी के बयानों का जवाब वे क्यों देंगे। मंगलवार को दोपहर इंदौर पहुंचे श्री जावड़ेकर ने कहा कि सीबीआई की जांच से सच सामने आ जाएगा।

एसटीएफ जांच भी कोर्ट की निगरानी में ही हो रही थी लेकिन कांग्रेस संतुष्ट नहीं थी, अब कांग्रेस का मुंह बंद हो जाएगा। कांग्रेस लगातार भाजपा से चुनाव हारी, कोर्ट में भी कुछ साबित नहीं कर पाए तो व्यापम से जुड़े अनर्गल आरोप उनके नेता लगाकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं। दिग्विजयसिंह कांग्रेस नेताओं को तो सनसनी जैसे शो का एंकर बन जाना चाहिए। इंदौर में जो पहला मामला दर्ज हुआ था उसे दबाया नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री ने खुद जांच का आदेश दिया।

कांग्रेस से दो सवाल...
कांग्रेस बताए उनके समय भर्ती की प्रक्रिया क्या थी। वहां तो पर्ची पर नियुक्ति होती थी। हमने तो सिस्टम बनाने का प्रयास किया और गड़बड़ी सामने आई तो जांच की।

शिवराज पर व्यापम घोटाले का आरोप लगा रहे हैं लेकिन 1 लाख 70 हजार करोड़ के टूजी घोटाला, 76 हजार करोड़ के सीडब्ल्यूजी घोटाले जादूई जीजाजी घोटाले को देश नहीं भूला है। कांग्रेस बताए कि देश का 12 लाख करोड़ रुपए लूटा है उसका जवाब दे सरकार।

कांग्रेस की सोच आपातकाल की
सलमान खुर्शीद कहते हैं देश की जनता ने आपातकाल को स्वीकार किया था इसलिए माफी मांगने की जरुरत नहीं है। कांग्रेस की सत्ता क्या गई बुद्धि भी भ्रष्ट हो गई। चोरी और सीनाजोरी का उदाहरण है। जनता ने कभी भी आपातकाल का स्वागत नहीं किया क्यों कि महात्मा गांधी के संघर्ष से जो लोकतंत्र मिला उसका गला घोंटा गया था। लोगों ने तो 77 में इमरजेंसी लगाने वाले नेताओं को सबक सिखाया, इंदिरा गांधी और संजय गांधी हार गए थे। बाद में कांग्रेस वापस आई लेकिन वो जनता पार्टी की अपनी फूट थी। लेकिन आज भी कांग्रेस की सोच आपतकाल जैसी ही है हम इसकी भर्त्सना करते हैं।

कुछ यूं दिए सवालों के जवाब...

जब सांच को आंच नहीं तो शिवराजसिंह चौहान अब तक सीबीआई जाचं से क्यों बचते रहे?

- ये राज्य सरकार का विषय नहीं है। तब हाई कोर्ट ने ही मना किया था। हल्ला मचा तो मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की पहल की।

गृहमंत्री बाबूलाल गौर का बयान है कि जिस तरह अर्जुन सिंह ने यूनियन कार्बाइड कांड के बाद पद छोड़ा, सीएम को भी हट जाना चाहिए?

-मैं दूसरों के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दूंगा। हम सिस्टम को ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं।

मध्यप्रदेश का अगला चुनाव क्या शिवराज के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा?

शिवराज ही मुख्यमंत्री हैं और रहेंगे।

कांग्रेस के शासन काल में भाजपा ने सीबीआई को तोता कहा था, अब क्या कहेंगे?

कांग्रेस ने सीबीआई को तोता बनाकर रखा था, कानून मंत्री के दफ्तर में सारी पॉलिसी बनती थी। भाजपा सरकार कोई अड़ंगा नहीं डालती।

अमित शाह ने कहा अच्छे दिन आने में 25 साल लगेगें?

- ऐसा नहीं कहा था। ये कहा था कि पहले साल ही महंगाई कम हुई। दूसरे साल रोजगार, सबको घर जैसी योजनाएं शुरू हो गई। 25 साल में देश को नंबर वन बनाना है, भाजपा की सरकार इतने समय तक बनी रहे यह उनका कहना था।

कांग्रेस ने भर्तियों में गड़बड़ी की है तो 12 साल से आपकी सरकार है प्रदेश में जांच क्यों नहीं करवाई?

पर्ची, कागजों पर जो नियुक्तियां होती थी उसकी जांच करवाना चाहिए।

बिहार चुनाव में भाजपा भी क्या जातिवाद का कार्ड खेल रही है?

-नहीं हम बिहार में कोई जाति कार्ड नहीं इस्तेमाल करेंगे। हमारा मुद्दा वहां भी विकास का ही होगा।

पाकिस्तान से हाथ मिलाने का भाजपा लगातार विरोध करती रही, अब सत्ता में आते ही पाक से हाथ मिलाया जा रहा है?

-अटल बिहारी वाजपेयी कहते थे हम पड़ोसी नहीं बदल सकते, इसलिए पड़ोसी को अपने अनुकूल बनाओ। मोदी देश के स्वाभिमान को कायम रखते हुए पाक से चर्चा कर रहे हैं।

यूनियन कार्बाइड के कचरा निपटान का मामला अब भी उलझा है?

-कोर्ट इस पूरे मुद्दे को मॉनीटर कर रहे हैं। मैं भी मॉनिटर कर रहा हूं। मध्यप्रदेश की जनता को किसी भी तरह से हानि न हो और इस कचरे का निष्पादन कैसे हो इसका हल निकाला जाएगा।