कोलंबो । संकट से घिरे श्रीलंका को छोड़कर विदेशों में रोजगार की चाहत में पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए महिला दो दिनों तक कतार में खड़ी रही, जहां प्रसव पीड़ा होने पर उसने एक बच्ची को जन्म दिया। अधिकारियों ने कहा कि कोलंबो में इमीग्रेशन विभाग में तैनात श्रीलंकाई सेना के जवानों ने जब 26 वर्षीय महिला को प्रसव पीड़ा में देखा तो जवान उसे कैसल अस्पताल ले गए, जहां उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। शहर के सेंट्रल हिल्स में रहने वाली महिला अपने पति के साथ विदेश में नौकरी करने की चाहत में पासपोर्ट बनवाने के लिए पिछले दो दिनों से कतार में थी। चूंकि जनवरी के अंत में आर्थिक संकट शुरू हुआ था, पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट प्राप्त करने के लिए लंबी कतारें नियमित रूप से देखी जाती थीं। अधिकांश लोगों ने वन डे इश्यू सर्विस में पासपोर्ट प्राप्त करने का विकल्प चुना है। इस बीच एक अन्य व्यक्ति जो ईंधन की कतार में इंतजार करते दिल का दौरा पड़ने से मर गया। मार्च के बाद से ईंधन की कतार में इस तरह की यह पंद्रहवीं मौत है। तिपहिया वाहन पर सवार 60 वर्षीय आइसक्रीम विक्रेता ने ईंधन के लिए लगातार दो दिन कतार में बिताए थे। कतार में लगने के दौरान उन्हें सीने में दर्द हुआ और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
ईंधन के लिए लंबी कतारें अब देश में मौजूद इंडियन ऑयल कंपनी (आईओसी) के पंपों पर भी लग रही हैं। देश में सरकारी तेल कंपनी के पम्प 10 दिन से बिना कोई सूचना के बंद पड़े है। ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकारा ने संसद को बताया कि आईओसी से एक जहाज के आने से पहले 22 जुलाई तक कोई भी ईंधन ढोने वाला जहाज उपलब्ध नहीं था। इसलिए, कमी को पूरा करने के लिए सरकार ने अधिक कीमत चुकाने का विकल्प चुना और एक शिपमेंट को 15 जुलाई तक पहुंचने का आदेश दिया। 1948 में ब्रिटेन से आजाद होने के बाद श्रीलंका अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से गुजर रहा है, और विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से निपटने के लिए देश को कम से कम 4 बिलियन अमरीकी डालर की आवश्यकता है। भारी विदेशी मुद्रा की कमी के कारण श्रीलंका को दिलवालिया घोषित करना पड़ा था। जिस कारण देश अप्रैल माह में 7 बिलियन डॉलर्स के कर्ज अदायगी में विफल हुआ। श्रीलंका को वर्ष 2026 तक 25 बिलियन डॉलर की कर्ज अदायगी करनी है। वहीं देश पर कुल 51 बिलियन डॉलर्स का भारी भरकम कर्ज है।