ब्रसेल्स : यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस यूरोजोन के नेताओं के शिखर सम्मेलन में चेहरे पर मुस्कान के साथ पहुंचे लेकिन जब यह स्पष्ट हो गया कि उनके पास इस बारे में कोई लिखित प्रस्ताव नहीं कि वह अपने देश को वित्तीय संकट से कैसे बचाएंगे उन्हें सबकी नाराजगी का सामना करना पड़ा।

ऐसे में जब यूनान के बैंक संभावित रूप से कुछ ही दिनों में ध्वस्त हो सकते हैं जो उसे यूरोजोन से बाहर कर सकता है, सिपरस से उम्मीद थी कि वह ऋण के बदले आर्थिक सुधारों की पेशकश करेंगे। यद्यपि उनकी सरकार ने कहा कि वह एक योजना आज ही पेश करेगी। लिथुआनिया के राष्ट्रपति छालिया ग्रिबाउसकेत ने कहा कि आपको पता है आज के लिए वादा था। अब वे कल का वादा कर रहे हैं।

यूरोप के नेताओं ने यूनान के प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिपरस को आगाह किया है कि वे आपात बैठक में राहत पैकेज के लिए नये प्रस्ताव पेश करें या यूरो से हटने के जोखिम का सामना करने को तैयार रहें। उल्लेखनीय है कि ब्रसेल्स में सिपरस को यूरो क्षेत्र के अपने 18 अन्य समकक्षों के साथ बैठक करनी है। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जबकि यूनान के नागरिकों ने जनमत संग्रह में मितव्यता वाले राहत पैकेज को ‘ना’ कह दी है और देश की बैंकिंग प्रणाली ढहने के कगार पर है।

शिखर बैठक से पहले जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल व फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्‍वा ओलोंद ने सिपरस से आग्रह किया कि वे भरोसा कायम करने तथा बातचीत बहाल करने के लिए ‘स्पष्ट’ प्रस्ताव पेश करें। ओलोंद ने कल पेरिस में मर्केल के साथ बैठक के बाद कहा कि यह अब एलेक्सिस सिपरस सरकार पर है कि वह गंभीर, प्रामाणिक प्रस्ताव पेश करें ताकि यूरो क्षेत्र में बने रहने की उनकी इच्छा एक दीर्घकालिक कार्य्रकम में बदली जा सके।