इंदौर। कस्टम विभाग ने इंपोर्टेड फर्नीचर के नाम पर स्मगल हो रहे अंतरवस्त्रों की बड़ी खेप पीथमपुर आईसीडी पोर्ट से पकड़ी। इंदौर के एक फर्नीचर व्यापारी द्वारा आयातित दो कंटेनर जब्त किए गए हैं। मंगलवार को कमिश्नर कस्टम इंदौर हेडक्वार्टर्स के कस्टम इंटेलीजेंस द्वारा की गई यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

इंदौर के अपूर्वा इंटरनेशनल फर्म के नाम से व्यापारी महेंद्र चौकसे ने दो कंटेनर इंपोर्ट किए थे। कस्टम में व्यापारी ने बिल ऑफ एंट्री फाइल की थी। उसमें फर्नीचर को इंपोर्ट करना बताया था। कस्टम इंटेलीजेंस को इंपोर्ट प्रक्रिया के साथ ही सूचना मिल गई थी कि व्यापारी फर्नीचर की आड़ में ड्यूटी चोरी कर कुछ और सामान स्मगल कर रहा है।

पढ़ें : घर में घुसता था पानी, जमीन से ऊपर उठा दिया पूरा मकान!

असिस्टेंट कमिश्नर व आईसीडी पीथमपुर प्रभारी फराज अहमद कुरैशी की रिपोर्ट के आधार पर कमिश्नर जेपी ममगाई ने कार्रवाई के आदेश जारी किए। आईसीडी पोर्ट पर कंटेनरों की जांच में फर्नीचर की बजाय अंडरगारमेंट की खेप निकली।

सवा करोड़ कीमत

जांच के दौरान इंपोर्ट किए दोनों कंटेनरों के सामान की कीमत जांच गई। दोनों से एक करोड़ तीस लाख से ज्यादा का अंडरगारमेंट बरामद हुआ। इस पर डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की ड्यूटी बकाया निकली। इसके अलावा अतिरिक्त जुर्माने के साथ यह राशि करीब पौने दो करोड़ तक पहुंच गई। करीब 70 लाख रुपए का जुर्माना जमाकर व्यापारी ने कम माल वाला कंटेनर छुड़ा लिया। दूसरा अभी भी कस्टम के कब्जे में है।

कमिश्नर ने जारी किया नोटिस

अपील की अवधि खत्म होने के साथ ही मंगलवार को कमिश्नर की ओर से व्यापारी चौकसे को एक कंटेनर के लिए चोरी की गई इंपोर्ट ड्यूटी और हर्जाना तुरंत भरने का नोटिस जारी किया गया है। विभाग के अनुसार मय ब्याज अकेले कंटेनर के लिए यह राशि एक करोड़ से ज्यादा हो गई है।

पढ़ें : तंबाकू, सिगरेट, गुड़ाखू की लत बना रही लोगों को अंधा

अंडरगारमेंट स्मगल करने वाला व्यापारी यदि सामान सरेंडर कर देता है तो भी उसे करीब तीस लाख रुपए बतौर जुर्माना चुकाने होंगे। उसे ड्यूटी चोरी का माफीनामा भी देना होगा। कम से कम इतना हर्जाना चुका दिया तो भी कंटेनर का पूरा माल कस्टम के कब्जे में रहेगा और माल को कस्टम नीलाम करेगा।

ड्यूटी की दर ज्यादा

देश में अंतरवस्त्रों के आयात पर ड्यूटी की दर ज्यादा है। सामान की कीमत से ज्यादा ड्यूटी इस पर चुकाना होती है, जबकि फर्नीचर जैसे सामान को आयात करने पर कीमत की करीब 30 प्रतिशत ड्यूटी देना होती है। ऐसे में फर्निचर के नाम पर अंतरवस्त्र या ऐसे सामान सस्ते दामों पर इम्पोर्ट कर व्यापारी मोटा मुनाफा कमाते हैं।