नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय जल्दी ही नए कालाधन कानून के प्रावधानों का ब्योरा देने वाली सामान्य जानकारियों (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल- फैक) जारी करेगा और यह भी साफ करेगा कि जांच के दायरे में आने वाले लोग एकमुश्त अनुपालन खिडकी का इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आयकर विभाग अनुपालन खिडकी के संबंध में अस्पष्ट दायरों पर काम कर रहा है और कर भुगतान के खुलासे और इसके बाद दिए जाने वाले समय की अवधि पर विचार रहा है. उन्होंने कहा कि विभाग यह साफ करेगा कि क्या अनुपालन खिडकी का इस्तेमाल ऐस मामलों में किया जा सकता है जबकि मामला दर्ज हो चुका है या आकलन शुरू हो चुका है.
 
अघोषित विदेशी आय और आस्ति (कर अधिरोपण, विधेयक, 2015) को संसद से अनुमोदन मिलने के बाद पिछले महीने अधिसूचित किया गया. सूत्रों ने कहा कि कर विभाग यह सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रहा है कि अनुपालन सुविधा में कोई खामी न रहे. सूत्रों ने कहा मिसाल के तौर पर जिनके खिलाफ कर विभाग के पास कुछ सूचना है, क्या उन्हें अनुपालन सुविधा के तहत परिसंपत्तियों के खुलासे की मंजूरी होगी. हम इस पर विचार कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा अनुपालन सुविधा अधिसूचना में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों का खंड होगा, जिसमें स्पष्ट होगा कि इस खुलासे के योग्य कौन है.
 
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में कहा था कि उन लोगों के लिए एक अनुपालन सुविधा होगी जिनके पास अघोषित विदेशी आय है, ताकि वे 30 प्रतिशत कर और 30 प्रतिशत जुर्माना देकर बरी हो सकें. अनुपालन सुविधा बंद होने पर अघोषित विदेशी संपत्ति रखने वालों को 30 प्रतिशत कर, 90 प्रतिशत जुर्माना और आपराधिक मुकदमों का सामना करना होगा. यह अधिनियम एक अप्रैल, 2016 से लागू होगा.