पणजी : साल 2015 की शुरुआत में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवार रहीं पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी अब कभी चुनाव नहीं लड़ेंगी. रविवार को उन्होंने कहा कि सक्रिया राजनीति की तरफ उनका कोई झुकाव नहीं है.

चुनाव के बाद की जिंदगी के बारे में बात करते हुए बेदी ने कहा, 'मेरा सक्रिय राजनीति की तरफ झुकाव ही नहीं है. मेरा सक्रिय जनसेवा की ओर झुकाव जरूर है, जहां मैं वापस लौट आई हूं. मैं सक्रिय नेता नहीं हूं क्योंकि राजनीति मेरी भाषा नहीं है. मैं फिर चुनाव नहीं लडूंगी.

पणजी में वूमन इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेने आईं बीजेपी नेता ने कहा, 'मेरा जीवन ज्यादा समृद्ध, ज्यादा अनुभवपूर्ण और ज्ञानपूर्ण और ज्यादा अंतदृष्टिवाला हो गया है. अब मुझे कुछ चीजों की गहरी परख हो गई है, जो कभी नहीं थी.' बेदी ने दिल्ली चुनाव को अपने जीवन का सर्वोत्तम अनुभव बताया.

'बीजेपी के प्रति आभारी हूं'
विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के हाथों बड़ी हार का सामना करने वाली बेदी ने आगे कहा, 'मैं समझती हूं कि यह सर्वोत्तम अनुभव है, जो मुझे मेरी जिंदगी में मिला. दिल्ली चुनाव ने मुझे कुछ चीजों की गहरी परख दी जो शायद मुझे नहीं थी. मैं बीजेपी के प्रति आभारी हूं, जिसने मुझ पर विश्वास किया और यह अनुभव दिया.'

गौरतलब है कि फरवरी 2015 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में किरण बेदी कृष्णानगर विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी थीं. लेकिन चुनाव में वह अपनी सीट भी नहीं बचा पाईं. कृष्णानगर सीट से लंबे समय तक बीजेपी के कद्दावर नेता हर्षवर्धन विधायक रहे हैं. चुनाव में बीजेपी औंधे मुंह गिरी और उसे 70 सदस्यीय विधानसभा में महज तीन सीटें मिली. आम आदमी पार्टी 67 सीटें जीतकर विजयी हुई.