
मास्को । यूक्रेन पर हमले के बाद पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों की मार झेल रहे रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने अमेरिका पर बड़ा हमला बोला है। लावरोव ने कहा अमेरिका एकध्रुवीय विश्व व्यवस्था कायम करना चाहता है, जहां अन्य देश उसकी इच्छा के अनुरूप व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि यह विचार 'वैश्विक विलेज की नहीं, बल्कि अमेरिकी विलेज की कल्पना को साकार करती है।
उन्होंने कहा इस 'अमेरिकी गांव' को चीन, भारत, ब्राजील, अर्जेंटीना और मैक्सिको जैसे देश निश्चित रूप से स्वीकार नहीं करेंगे। लावरोव ने कहा अमेरिका ने अपने हितों के आधार पर दुनिया को 'एकजुट' किया है। उनका इशारा यूरोपीय संघ और नाटो सदस्य देशों की अमेरिका से वास्तविक 'स्वतंत्रता' की ओर था। उन्होंने कहा कि हालांकि दुनिया का हर देश सहमत होने के लिए तैयार नहीं है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा दुनिया में ऐसे खिलाड़ी हैं जो कभी भी अमेरिकी चौधराहट वाले वैश्विक गांव की व्यवस्था को स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने कहा मुझे भरोसा है कि चीन, भारत, ब्राजील, अर्जेंटीना, मैक्सिको जैसे देश खुद को ऐसी स्थिति में नहीं ले जाना चाहेंगे, जहां अंकल सैम उन्हें कुछ करने का आदेश दें और वे इसके जवाब में कहें यस सर। रूसी विदेश मंत्री ने कहा उनका देश उन देशों की श्रेणी में नहीं आता है जो ऐसा करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा रूस एक सुरक्षा गारंटी चाहता है जो रूस, यूक्रेन और पूरे यूरोप के लिए समान हो। यूक्रेन में चल रहे हमले के बारे में लावरोव ने कहा कि रूसी सेना का लक्ष्य यूक्रेन का विसैन्यीकरण करना है, ताकि यूक्रेन की तरफ से कभी खतरा पैदा न हो सके। इसके साथ ही सुरक्षा गारंटी हासिल करना चाहता है जो यूक्रेन, रूस और यूरोपीय देशों की समान सुरक्षा के सिद्धांत पर आधारित है।
लावरोव ने आशा जताई कि रूस और यूक्रेन के बीच वर्तमान 'असमान्य' स्थिति को सुलझा लिया जाएगा, लेकिन उन्होंने चेतावनी दी कि पश्चिमी देश इसे होने से रोक रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा मुझे विश्वास है कि दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक भाईचारा बना रहेगा। रूसी विदेश मंत्री ने एक बार फिर से यूक्रेन में अमेरिका के जैविक हथियार बनाने के आरोप की ओर इशारा किया।
इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्लादिमिर जेलेन्स्की के सलाहकार मायखाइलो पोडोलियाक ने कहा है कि रूस के साथ शांति वार्ता में ‘कई सप्ताह’ लग सकते हैं, इसके बावजूद कि मास्को की स्थिति अधिक ‘साधारण’ होती जा रही है। पोडोलियाक ने कहा जिन प्रमुख सवालों पर बातचीत की जा रही है, उनमें सुरक्षा गारंटी, युद्धविराम, रूसी सैनिकों की वापसी और ‘विवादित क्षेत्रों का एक राजनीतिक समझौता’ शामिल हैं। पोडोलियाक ने कहा पारस्परिक रूप से अनन्य पदों की संख्या को देखते हुए इस प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है। वार्ताकारों में से एक के रूप में उन्होंने आश्वासन दिया कुछ रियायतें हैं, जो हम निश्चित रूप से नहीं करने जा रहे हैं। हम किसी भी क्षेत्र को नहीं छोड़ सकते।