नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अधिकारियों को निर्भय होकर सरकार की नीतियों पर फैसले लेने तथा राजनीतिक झमेले से दूर रहने की सलाह दी है। साथ ही सरकार की नीतियों को समझकर काम करने को कहा है। गुरुवार को वह यहां इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। वित्त मंत्री ने कहा कि समय के साथ अर्थव्यवस्था और समाज बहुत अधिक बदल चुका है। अधिकारियों को निर्भय होना चहिए और उनमें सिर्फ भेड़चाल नहीं होनी चाहिए।

जेटली ने कहा, 'उनकी (अधिकारियों) साख होनी चाहिए। उनके अंदर अपनी टीम को साथ जोड़े रखने की क्षमता होनी चाहिए। संसदीय लोकतंत्र में अधिकारी के अंदर इसकी समझ होना जरूरी है कि सरकार की नीति क्या है? उन पर कैसे आगे बढ़ा जाए। उन्हें राजनीतिक झमेले से अपने को दूर रखना चाहिए।'

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षो में अर्थव्यवस्था व समाज में भारी बदलाव आया है और यह अधिकारियों का काम है कि वे बदलते समय के हिसाब से खुद को तैयार रखें। जेटली बोले, 'संभव है कि कोई अधिकारी यह सोचे कि उसके मंत्री को सस्ती लोकप्रियता वाला नहीं होना चाहिए, लेकिन उसे सरकारी कामकाज और भावनाओं के बीच उचित तालमेल बैठाना चाहिए।'

जेटली ने कहा, 'एक सफल अधिकारी को ईमानदारी के उच्चतम मानदंड से बंधा रहना चाहिए। उसे अपनी बात निडरता के साथ रखनी चाहिए। वह केवल एक ढर्रे से नहीं बंधा रह सकता। यदि उसकी सोच अलग है तो उसे अपनी बात जरूर रखनी चाहिए। यह काम अनुशासित तरीके से भी किया जा सकता है।'