नई दिल्ली। जंतर-मंतर पर आम आदमी पार्टी की किसान रैली में राजस्थान के दौसा के रहने वाले गजेंद्र नाम के 41 वर्षीय एक किसान द्वारा आत्महत्या मामले में अब 'आप' नेताओं से पूछताछ हो सकती है।

इधर, किसान आत्महत्या करने के बावजूद भाषण जारी रखकर ‘असंवेदनशीलता’ दिखाने के लिए आलोचना का सामना कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को अपनी ‘भूल’ स्वीकार की और इसके लिए माफी मांगी ली लेकिन मृत किसान के परिवार ने उनकी माफी को खारिज कर सीबीआई जांच की मांग की।
 
संसद से सड़क तक हंगामा : इस मामले में जहां सड़क पर हंगामा हुआ वहीं संसद में भी शुक्रवार को पूरे दिन हंगामा रहा। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने ये कैंडल मार्च निकाला। तो, संसद में भी इस मामले की गूंज रही। खुद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पर खेद प्रकट कर इसे अफसोसजनक बताया।
 
पुलिस जांच : इस मामले में पुलिस यह जांच कर रही है कि क्या पार्टी कार्यकर्ताओं ने गजेंद्र सिंह को पेड़ पर चढ़ने के लिए उकसाया था? शुरुआती जांच के बाद पुलिस का मानना है कि गजेंद्र आत्महत्या करने के लिए पेड़ पर नहीं चढ़े थे और जो कुछ हुआ वह दुर्घटनावश हुआ था। दिल्‍ली पुलिस घटनास्‍थल पर मौजूद आप नेताओं से पूछताछ कर सकती है। इस जानकारी के सामने आने के बाद राज्‍यसभा में भी काफी हंगामा हुआ। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, पुलिस गजेंद्र के फोन कॉल की भी जांच करेगी।

मजिस्ट्रेट से जांच : कहा जा रहा है कि सरकार ने मजिस्ट्रेट से जांच शुरू करा दी है मजिस्ट्रेट से जांच कराने के लिए हालांकि उपराज्यपाल की अनुमति जरूरी है। हालंकि पुलिस ने भी एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है। ऐसे में एक ही घटना की दो सामानांतर जांच से सवाल उठ सकते हैं। भले ही मजिस्ट्रीयल जांच में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित आप नेताओं पर कोई सीधे सीधे अंगुली न उठाए, लेकिन पुलिस की जांच में रैली के दौरान मंच पर मौजूद रहे सभी नेताओं को कटघरे में तो खड़ा कर ही दिया है।
 
भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 174 के अनुसार यदि पुलिस को किसी भी आत्महत्या, मशीनरी आदि से मौत या संदिग्ध परिस्थितियों में एवं अप्राकृतिक मौत की सूचना पुलिस को मिलती है तो पुलिस तत्काल इसकी सूचना उपजिलाधिकारी को देगी।
 
आम तौर पर इस सूचना के बाद पुलिस अपने स्तर पर जांच करती है। दिल्ली चूंकि पूर्ण राज्य नहीं है, इसलिए यदि सरकार किसी मामले में मजिस्ट्रेट से जांच कराना चाहती है तो प्रशासक के रूप में उपराज्यपाल से अनुमति ली जाती है। संविधान विशेषज्ञों का कहना है कि उपराज्यपाल की अनुमति से ही मजिस्ट्रेट से जांच कराई जा सकती है।
 
उल्लेखनीय है कि गजेंद्र ने बुधवार को यहां आप की रैली के दौरान एक पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मुद्दे पर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे केजरीवाल ने एक चैनल से कहा, ‘मुझे एक घंटा लंबा भाषण देना था लेकिन मैंने 10-15 मिनट में भाषण समाप्त किया। मुझे लगता है कि यह मेरी गलती थी। संभवत: मुझे नहीं बोलना चाहिए था। अगर इससे किसी की संवेदनाओं को ठेस लगी है तो मैं माफी मांगता हूं।’ हालांकि, उन्होंने जोर दिया कि किसानों के समक्ष जो ‘वास्तविक मुद्दे’ हैं उससे ध्यान नहीं भटकना चाहिए।
 
उन्होंने कहा, ‘अगर मैं दोषी हूं, तो मुझे दोष दो। मुझे लगता है कि रैली रोक देनी चाहिए थी। लेकिन कृपया किसानों के असली मुद्दों पर ध्यान केन्द्रित करें और राजनीति नहीं करें। जो कोई भी दोषी हो उसे फांसी दे दो लेकिन बहस इस पर केन्द्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री को घटना होने के बाद भी जंतर-मंतर पर 20 मिनट तक भाषण देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने उस स्थान तक जाने की भी जहमत नहीं उठाई थी जहां मृत्यु के बाद गजेंद्र का बेजान शरीर गिरा था। केजरीवाल ने अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए उनपर ‘सुपर रिच’ के लिए काम करने का आरोप लगाया था।
 
आप के वरिष्ठ नेता कुमार विश्वास ने कहा था कि घटना रैली में गड़बड़ी पैदा करने और पार्टी की छवि को खराब करने का प्रयास है। उन्होंने अनजाने में अपनी पार्टी को बदनाम करने में गजेंद्र सिंह के शामिल होने का इशारा किया था। एक अन्य बयान में पार्टी के वरिष्ठ नेता आशुतोष ने कहा था कि अगली बार कोई आत्महत्या का प्रयास करता है तो वह केजरीवाल से उसे बचाने को कहेंगे।
 
उन्होंने कहा था, ‘अगर अरविंद ने बीच में भाषण रोक दिया होता, तो भगदड़ जैसी स्थिति हो जाती। और हमपर क्यों दोषारोपण किया जा रहा है। पुलिसकर्मियों ने क्या किया। मुख्यमंत्री के बार-बार अनुरोध करने के बावजूद एक भी पुलिसकर्मी आगे नहीं गया।’ उन्होंने कहा था, ‘अगली बार अगर कोई आत्महत्या का प्रयास करता है तो मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री से कहूंगा कि आप पेड़ पर चढ़ जाएं और उसे बचाएं।’  हालांकि, अपने इस बयान के लिए आशुतोष ने बाद में माफी मांग ली थी।
 
गजेंद्र के परिवार ने केजरीवाल की माफी को स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
 
मृत किसान की बहन रेखा ने राजस्थान के दौसा जिले में नांगल झामरवादा गांव में संवाददाताओं से कहा, ‘इस माफी के बाद अब क्या होगा। मेरे भाई की मौत हो चुकी है। केजरीवाल ने घटना के बाद दो मिनट के लिए भी रैली नहीं रोकी।’ अपने भाई की दुखद मौत के पीछे साजिश होने की बातों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, ‘उन्हें हो सकता है उकसाया गया हो----इसके पीछे कुछ साजिश हो सकती है।’
 
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा था कि जब गजेंद्र सिंह अपनी गर्दन में गमछा बांधकर पेड़ पर खड़े थे तो आप समर्थक ताली बजा रहे थे और नारेबाजी कर रहे थे। दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी में भी आरोप लगाया गया कि उन्होंने किसान को आत्महत्या के लिए उकसाया और उन्हें बचाने के प्रयासों को रोका। गजेंद्र के चाचा गोपाल सिंह (गांव के सरपंच) ने घटना की सीबीआई जांच की मांग की।
 
गोपाल सिंह ने कहा, ‘हमें इस घटना के बारे में संदेह है और हम मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। हमने (राज्य) मंत्री राजेंद्र राठौर से कहा है कि वह इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के समक्ष उठाएं।’
 
वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने गजेन्द्र सिंह के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। परिजनों की मांग पर संजय सिंह ने कहा कि दिवंगत गजेन्द्र सिंह को ‘शहीद किसान’ का दर्जा देने और उनके एक बच्चे को बालिग होने पर ‘सरकारी नौकरी’ देने पर दिल्ली सरकार सकारात्मक विचार करेगी। आप नेता संजय सिंह ने गजेन्द्र सिंह के परिजनों को दस लाख रूपये का चैक भी दिया है।
 
आप नेता संजय सिंह गजेन्द्र के मकान पर तीस मिनट से अधिक समय तक रूके और उनके बच्चों, पिता एवं अन्य परिजनों को ढांढस बंधाया।
 
सिंह ने दिल्ली रवाना होने पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा, ‘गजेन्द्र सिंह के खुदकशी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। गजेन्द्र के परिजनों ने दिल्ली सरकार से उसको शहीद किसान का दर्जा देने और एक बच्चे को बालिग होने पर दिल्ली सरकार में नौकरी देने की मांग की है।’ परिजनों का कहना है कि गजेन्द्र ने किसानों की मांग के उद्देश्य से खुदकशी की है, इसलिए दिल्ली सरकार उसे ‘शहीद किसान’ का दर्जा दे।
 
सिंह ने बताया, ‘गजेन्द्र सिंह का परिवार दुख में है। मैं उनके बच्चों, पिता बने सिंह, चाचा गोपाल सिंह सहित अन्य परिवारजनों से मिला हूं। मैं इस बारे में दिल्ली जाकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से बात करूंगा। मैं यह कह सकता हूं कि दिल्ली सरकार इन मांगों पर सकारात्मक ढंग से विचार करेगी।’ कडी सुरक्षा के बीच गजेन्द्र के घर पहुंचे आप नेता काफी देर तक उनके परिजनों के साथ बैठे और बाद में कुछ देर बंद कमरे में जाकर परिजनों से बातचीत की। संजय सिंह ने गजेन्द्र के तीन बच्चों को भी ढांढस बंधाया। आप नेता के नांगल झामरवाडा स्थित गजेन्द्र सिंह के मकान पर आने की सूचना मिलने पर एहतियात के तौर पर सुरक्षा प्रबंध किये गये।
 
गजेन्द्र के परिजनों के अनुसार संजय सिंह ने उन्हें एक विडियो फिल्म दिखाई जिसमें यह बताने की कोशिश की गई है कि खुदकशी के लिए आप नेता जिम्मेदार नहीं है। गजेन्द्र के पिता बने सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल द्वारा माफी मांगने पर कहा कि माफी मांगने से गजेन्द्र सिंह की पूर्ति नहीं होगी, जवान बेटा गया है क्या इससे संतुष्टि होगी।