नई दिल्ली. किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन कृषि कानून (three farm laws) वापस लेने की घोषणा की थी. प्रधानमंत्री के ऐलान के बाद तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए आधिकारिक मुहर लगवाने के लिए मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है. सूत्रों के अनुसार पीएम मोदी (PM Modi) की घोषणा पर केंद्रीय कैबिनेट बुधवार को अपनी निर्धारित बैठक में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का प्रस्ताव पेश कर सकती है. प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की संभावना है, जिसके बाद आगामी शीतकालीन सत्र में संसद से आधिकारिक रूप से कानून वापस ले लिया जाएगा.एक तरफ केंद्र सरकार द्वारा मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है तो दूसरी तरफ किसानों ने कहा है कि वे विरोध प्रदर्शन को तब तक नहीं रोकेंगे जब तक कि तीनों कानूनों को संसद से रद्द नहीं कर दिया जाता है. वहीं, किसानों ने भविष्य की रणनीति तय करने के लिए 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली किसान महापंचायत में पूरी ऊर्जा के साथ भाग लेने के लिए कहा है. 40 किसान संघों के छत्र निकाय ने प्रदर्शनकारियों से 22 नवंबर को महापंचायत को सफल बनाने की अपील की है.

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने कही थी ये बात
शुक्रवार को, पीएम मोदी ने घोषणा की कि केंद्र संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में तीन कृषि कानूनों को आधिकारिक रूप से निरस्त कर दिया जाएगा. गुरु परब के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि किसानों का एक वर्ग कई दौर की बातचीत के बावजूद कृषि कानूनों के लाभों से असंबद्ध रहा. कानूनों को निरस्त करते हुए, उन्होंने विरोध करने वाले किसानों से घर जाने का आग्रह किया. उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संरचना को मजबूत करने के लिए एक कृषि समिति का गठन किया जाएगा.पीएम मोदी ने कहा- “पिछली सरकारें भी कृषि कानूनों पर विचार कर रही थीं. हमने कई दौर की बातचीत की और उनकी मांगों के अनुसार उन्हें संशोधित करने के लिए तैयार थे. सभी कृषि कानून अगले संसद सत्र में आधिकारिक रूप से निरस्त होंगे. मैं आप सभी से अपने घरों में लौटने का अनुरोध करता हूं,”उन्होंने यह भी कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) संरचना को मजबूत करने के लिए एक कृषि समिति का गठन किया जाएगा.