
मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग में मामला आने पर एक आवेदक को उसकी पुत्री की तालाब में डूबने से मृत्यु हो जाने के कारण राज्य सरकार की राहत मद से चार लाख रूपये की मुआवजा राशि प्राप्त हो गई है। मामला रीवा जिले का है। ग्राम सिलचट, पो. बड़ागांव, तहसील गुढ़, जिला रीवा निवासी आवेदक रामदरस केवट ने आयेाग में 21 अक्टूबर 2020 को आवेदन दिया था कि उसकी पुत्री मोहिनी केवट की तालाब के गढ्ढे में भरे पानी में डूबने से 21 मई 2020 को मृत्यु हो गई थी। उन्होंने तहसील आॅफिस गुढ़ में आर्थिक सहायता दिलाने का आवेदन दिया था। तहसीलदार गुढ़ द्वारा बिना जांच किये 24 अगस्त 2020 को उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि तहसील कार्यालय में कार्यरत पदस्थापना नजारत भाग्य पाण्डेय ने दुर्भावनावश उनका आर्थिक सहायता राशि आवेदन निरस्त करा दिया है। आवेदक ने आयोग से उसे न्याय दिलाकर आर्थिक सहायता राशि भी दिलाने का अनुरोध किया था। आवेदन मिलने पर आयोग ने प्रकरण क्र. 6796/रीवा/2020 दर्जकर कलेक्टर रीवा से प्रतिवेदन मांगा था। इस पर कलेक्टर रीवा ने आयोग को प्रतिवेदन दिया है कि आवेदक को मध्यप्रदेश सरकार की राजस्व पुस्तक परिपत्र की धारा 6 (4) के तहत पात्रतानुसार चार लाख रूपये की मुआवजा राशि दे दी गई है। आवेदक ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। चूंकि मामले का अंतिम निराकरण हो चुका है। अतः आयोग में यह प्रकरण अब समाप्त कर दिया गया है।