107 साल पहले चोरी हुई मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा को कनाडा से भारत लाया गया और अब काशी में प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। मां अन्नपूर्णा की इस प्राण प्रतिष्ठा पूजा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद शामिल हुए। करीब 107 साल पहले वाराणसी से चुराई गई मूर्ति को कनाडा से 15 अक्टूबर को बरामद किया गया था। उत्तर प्रदेश सरकार के प्रतिनिधियों ने 11 नवंबर को मंत्र जाप के बीच एक धार्मिक समारोह के बाद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से पत्थर की मूर्ति प्राप्त की थी। प्रतिमा के वाराणसी आगमन के साथ ही रविवार रात मां अन्नपूर्णा की चार दिवसीय 'शोभा यात्रा' का समापन हो गया। यात्रा के दौरान अपने अंतिम गंतव्य पर पहुंचने से पहले कासगंज, कानपुर, अयोध्या समेत कई जगहों पर मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा का धूमधाम से स्वागत किया गया।

मां अन्नपूर्णा की मूर्ति को लाल रंग का लहंगा पहनाया गया था जबकि सिर पर चांदी की छतरी रखी गई थी। दिल्ली से काशी विश्वनाथ मंदिर तक की 800 किलोमीटर की यात्रा के दौरान मूर्ति एक भव्य लकड़ी के सिंहासन पर बैठी थीं। मां अन्नपूर्णा को भोजन और पोषण की देवी माना जाता है। मूर्ति की ऊंचाई 17 सेमी, चौड़ाई 9 सेमी और मोटाई 4 सेमी है।

इससे पहले रविवार को सीएम आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना की प्रगति का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कहा, देवी अन्नपूर्णा 'शोभा यात्रा' यहां पहुंचेगी और यहां देवी की मूर्ति स्थापित की जाएगी।