जयपुर । मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने शासन सचिवालय में डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्म्स कमेटी (डीआरसी) की बैठक की अध्यक्षता करते हुए पावर डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में सुधार के लिए केन्द्र सरकार की रिफॉर्म बेस्ड एंड रिजल्ट लिंक्ड आधारित स्कीम की विस्तृृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रदेश की परिस्थितियों एवं दीर्घकालिक उपायों का समावेश करते हुए तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य सरकार बिजली छीजत रोकने और उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त बिजली मुहैया कराने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने इसी मंशा को ध्यान में रखते हुए इस योजना की डीपीआर तैयार कर तय समय पर केन्द्र सरकार को भिजवाने के निर्देश दिए। आर्य ने कहा कि राज्य की व्यावहारिक परिस्थितियों के अनुसार माइक्रो प्लानिंग कर डीपीआर तैयार करें, जिसमें वार्षिक सुधार लक्ष्यों के साथ दीर्घकालिक उपायों को भी शामिल करें।डिस्कॉम चेयरमैन श्री भास्कर ए सावंत ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य वर्ष 2024-25 तक अखिल भारतीय स्तर पर एटी एंड सी हानियों को 12 से 15 प्रतिशत तक कम करना और एसीएस-एआरआर अंतराल को घटाकर शून्य करना है। इसके तहत उपभोक्ताओं के प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने तथा हानि में कमी लाने एवं आधुनिकीकरण के लिए डिस्ट्रीब्यूशन इन्फ्रास्ट्रक्चर के कार्य किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके लिए कार्य योजना एवं डीपीआर बनाने का कार्य किया जा रहा है, जिसे डीआरसी एवं राज्य केबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद 31 दिसम्बर तक केन्द्र सरकार को भिजवाना है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत निर्धारित सभी लक्ष्य समयबद्ध तरीके से मार्च, 2025 तक अर्जित करने हैं।