भोपाल । पेट्रोल-डीजल में केन्द्र और राज्य शासन ने जनता को राहत दी है। दो दिन में ही पेट्रोल के दाम लगभग साढ़े 11 रुपए और डीजल के 17 रुपए घट गए। अब भोपाल और इंदौर में हवाई तेल यानी एविएशन टर्बाइन फ्यूल पर भी 25 फीसदी से घटकर 4 फीसदी तक वैट किया जाएगा। दरअसल ग्वालियर, जबलपुर और खजुराहो हवाईअड्डे पर 4 फीसदी ही वैट है, जबकि अन्य हवाईअड्डों पर यह 25 फीसदी वसूल किया जा रहा है, जिसमें इंदौर हवाईअड्डा भी शामिल है। अब प्रदेश के सभी हवाईअड्डों पर एक समान 4 फीसदी करने की कवायद चल रही है। केन्द्रीय नागरिक उड्डयनमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रदेश शासन से इसकी मांग कर चुके हैं। पेट्रोल-डीजल पर तो बड़ी राहत जनता को दीपावली पर मिली है। पहले केन्द्र ने एक्साइज ड्यूटी, उसके बाद फिर राज्य शासन ने 4 फीसदी वैट में कमी कर दी। अब इसी तरह की राहत एटीएफ यानी हवाई ईंधन पर भी मिलेगी, जिससे विमान कम्पनियों को फायदा होगा। प्रदेश में अभी प्रति सप्ताह 588 फ्लाइटें आती हैं। भोपाल के साथ-साथ इंदौर एयरपोर्ट पर भी एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानी विमान ईधन पर 25 फीसदी वैट वसूला जाता है। जबकि प्रदेश के अन्य हवाईअड्डों पर 4 फीसदी वैट ही लगता है। चूंकि सबसे अधिक उड़ानें इंदौर-भोपाल से ही संचालित होती है। लिहाजा केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री सिंधिया ने भी प्रदेश सरकार ने हवाई ईधन के वैट में कमी करने की मांग की।
एक समान वैट करने का निर्देश
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार एक समान 4 फीसदी वैट कर रही है और इसका प्रस्ताव भी वित्त विभाग को भेज दिया है। केन्द्रीय मंत्री ने मध्यप्रदेश के साथ-साथ अन्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को भी हवाई ईधन में वैट कम करने के लिए पत्र लिखा। दरअसल, जिन राज्यों में 1 से लेकर 4 फीसदी वैट है, वहां पर फ्लाइटों की संख्या में वृद्धि हो रही है और इंदौर एयरपोर्ट से भी चूंकि लगातार उड़ानें बढ़ रही है, लिहाजा विमान कम्पनियों ने भी 25 फीसदी वैट को अधिक बताया। लिहाजा अब उसे 4 फीसदी तक एक समान कर दिया जाएगा। इंदौर से दुबई अंतर्राष्ट्रीय उड़ान के साथ अन्य शहरों से भी उड़ानों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब पर्यटन के हिसाब से भी बड़ी संख्या में लोग छुट्टियां मनाने निकलेंगे और अभी शादियों का भी सीजन शुरू हो रहा है, जिसके चलते भी हवाई यात्रियों की संख्या में अच्छा-खासा इजाफा होगा। इंदौर में ही तीन गुना तक हवाई यात्री अब बढ़ गए हैं, जो कि कोरोना के चलते उड़ानों के साथ घट गए थे। पर्यटन सेक्टर को बढ़ावा देने और हवाई कम्पनियों को भी घाटे से उबारने के लिए केन्द्रीय सरकार ने भी एशिनय टर्बाइन फ्यूल में राहत दी। हालांकि सोशल मीडिया पर भी इसकी आलोचना होती रही कि आम जनता को ईधन महंगा और विमानों का ईधन सस्ता है।