
भोपाल । दीपावली का त्योहार निपटने के बाद अब कांग्रेस तीन सीटों पर मिली हार की समीक्षा और मंथन करने जा रही है। 9 नवम्बर को भोपाल में पीसीसी में बैठक रखी गई है। इस बैठक में सभी जिलाध्यक्षों और उपचुनाव के प्रभारियों को बुलाया गया है। उनसे हार के कारण पूछे जाएंगे, वहीं 1 नवम्बर से शुरू हुए सदस्यता अभियान के बारे में भी जानकारी ली जाएगी।खंडवा लोकसभा और जोबट तथा पृथ्वीपुर विधानसभा में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है। सारी तैयारियों और महंगाई के मुद्दे के बावजूद क्षेत्र की जनता का कांग्रेस को नकारना बड़े नेताओं को हजम नहीं हो रहा है। हालांकि पूरे उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने ही किला लड़ाया और अपने बल पर ही चुनाव प्रचार किया। परिणाम में तीन सीटों पर हार के बाद अब कांग्रेस 9 नवम्बर को समीक्षा करने जा रही है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित बैठक में कमलनाथ के अलावा प्रदेश प्रभारी मुकुल वासनिक और सहप्रभारी कुलदीप इंदौरा के भी शामिल रहने की संभावना है। वहीं जिन-जिन सीटों पर कांग्रेस के पूर्व मंत्रियों को जवाबदारी दी गई थी उनके साथ-साथ जिलाध्यक्षों को भी बुलाया गया है। इनसे हार के कारण पूछे जाएंगे। इसके साथ ही बैठक में सदस्यता अभियान को लेकर चर्चा की जाएगी और पूछा जाएगा कि अभी तक कितने सदस्य बनाए जा चुके हैं। इसके साथ ही इसी महीने निकलने वाली कांग्रेस की पदयात्रा की जानकारी भी दी जाएगी। पदयात्रा के दौरान भाजपा सरकार की नाकामी और कांग्रेस की 15 महीने की सरकार की उपलब्धियां गिनाई जाएंगी।
हार का फीडबैक
कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने जानकारी दी कि 9 नवंबर को प्रदेश भर के जिला प्रभारियों की बैठक बुलाई गई है। उसमें कांग्रेस के सदस्यता अभियान, मंडलम सेक्टर स्तर पर पार्टी को मजबूत बनाने पर चर्चा होगी। बैठक में उपचुनाव में मिली हार का भी फीडबैक लिया जाएगा।
उपेक्षित और अपेक्षित पर भी करें गौर
उपचुनाव में 3 सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा ने कांग्रेस की हार पर मंथन का स्वागत किया है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा अच्छी बात है कि कांग्रेस में हार पर मंथन हो रहा है। लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष जरूरी है। लेकिन पार्टी को हार पर मंथन के साथ पार्टी के उपेक्षित और अपेक्षित लोगों पर भी मंथन करना चाहिए।
कहां हुई चूक
4 सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 2 नवंबर को घोषित किये गए हैं। इनमें से तीन पर भाजपा जीती है। कांग्रेस के हाथ से पृथ्वीपुर और जोबट निकल गयी हैं। पृथ्वीपुर सीट पर पार्टी को तगड़ी हार का सामना करना पड़ा है। वहीं आदिवासी बहुल जोबट सीट पर भी आदिवासियों की नाराजगी का शिकार कांग्रेस पार्टी हो गयी। पार्टी इस बात पर भी मंथन करेगी कि चुनाव प्रचार में पूरा जोर लगाने के बाद भी वो कहां चूक गई।