भोपाल : राज्य में जन-स्वास्थ्य रक्षा के महत्वपूर्ण 'स्वास्थ्य संवाद' अभियान का आज शुभारंभ किया गया। नेशनल हेल्थ मिशन सभाकक्ष में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने अभियान की जानकारी दी। इस अवसर पर 51 जिले में भ्रमण कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों के अमल पर नजर रखने वाले अधिकारी उपस्थित थे। अभियान के अंतर्गत रोगों से बचाव की अवधारणा के अनुरूप प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मचारी घर-घर जाकर नागरिकों के स्वास्थ्य का हाल जानेंगे और उनसे संवाद स्थापित कर रोगों से बचाव के लिये आवश्यक परामर्श और सेवायें देंगे। अभियान में विभाग की फ्रंट लाइन आर्मी के रूप में कार्य कर रहे 90 हजार कर्मचारी एवं अधिकारी घर-घर दस्तक देंगे।

यह अभियान 16 से 31 मार्च 2015 तक चलेगा। इसमें क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता - एएनएम, एम.पी.डब्ल्यू., एल.एच.व्ही., एम.पी.एस. एवं आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगी अपने- अपने क्षेत्र के प्रत्येक ग्राम में घर-घर जाकर जनता को स्वास्थ्य सेवाओं की विस्तृत जानकारी एवं सलाह देंगे।

अभियान के पहले प्रत्येक आशा को स्वाईन फ्लू, डेंगू, मलेरिया, दस्त रोग एवं ममता अभियान से संबंधित पेम्फलेट्स एवं जानकारी के साथ दिशा-निर्देश उपलब्ध करवाये जा चुके हैं। गृह भेंट के समय पेम्फलेट्स एवं दिशा-निर्देश के आधार पर प्रचार-प्रसार, चर्चा और सलाह देने की कार्यवाही आशा एवं स्वास्‍थ्य कार्यकर्त्ताओं की ओर से की जाएगी। प्रत्येक स्वास्थ्य कार्यकर्ता प्रतिदिन लगभग 20 घर तक पहुँचेगा। अभियान की कार्ययोजना इस प्रकार तैयार की गई है जिससे इस अवधि में प्रत्येक गाँव के प्रत्येक घर तक पहुँचा जा सके। ग्रामीण क्षेत्र की भांति, शहरी क्षेत्रों में भी आशा कार्यकर्ताओं, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, उपलब्ध अतिरिक्त नर्सिंग स्टॉफ एवं प्रशिक्षणरत नर्सिंग स्टूडेंट के द्वारा 'स्वास्थ्य संवाद अभियान' में गृह भेंट करेंगे। प्रदेश में 12 एवं 13 तारीख को सभी शहरी एवं ब्लॉक मुख्यालयों पर आशा कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, ए.एन.एम., एम.पी.डब्ल्यू., एल.एच.व्ही., एम.पी.एस., एवं सेक्टर अधिकारियों को अभियान का प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस दौरान राज्य स्तर से सभी ओ.आई.सी., एस.पी.एम.यू., अपने -अपने जिले में भ्रमण के दौरान उक्त प्रशिक्षण की निगरानी भी करेंगे। अभियान के दौरान मंगलवार एवं शुक्रवार को व्ही.एच.एन.डी., टीकाकरण सत्र रहेगा। इन दिवसों में अभियान की गतिविधि नहीं की जाएगी। अभियान में प्रदेश के उच्च प्राथमिकता वाले 10 जिले में संचालित 61 ममता रथ एवं आर.बी.एस. के 626 वाहन तथा चलित अस्पताल की 124 इकाइयों का भी उपयोग सक्रिय रूप से प्रचार-प्रसार एवं स्वास्थ्य सूचना संप्रेषण के लिए होगा।