
काबुल । अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से तालिबान सरकार आर्थिक संकट के चलते देश को चलाने में खासी परेशानियों का सामना कर रही है। ऐसे में एक 2000 साल पुराने खजाने के लेकर चर्चा है, जिसे तालिबान ढूंढ रहा है। यह प्राचीन बैक्ट्रियन खजाना है, जिसमें गोल्ड की चीजें हैं। चार दशक पहले इस खजाने की खोज अफगानिस्तान के टेला टापा रीजन में हुई थी। कल्चरल कमिशन के डिप्टी हेड अहमदुल्लाह वासिक ने मीडिया को बताया कि उन्होंने इस खजाने की खोज के लिए संबंधित विभाग को टास्क दे दिया है। ये जांच का विषय है कि आखिर बैक्ट्रियन खजाना अफगानिस्तान में है या फिर उसे बाहर ले जाया जा चुका है। अगर ऐसा है तो ये राजद्रोह होगा। तालिबान इस पर गंभीर कार्रवाई करेगा।
नेशनल जियोग्राफिक के मुताबिक, बैक्ट्रियन खजाने में प्राचीन दुनिया भर से हजारों सोने के टुकड़े होते हैं और यह पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईसवी तक छह कब्रों के अंदर पाए गए थे। इन कब्रों में 20,000 से अधिक वस्तुएं थीं, जिनमें सोने की अंगूठियां, सिक्के, हथियार, झुमके, कंगन, हार, हथियार और मुकुट शामिल थे। सोने के अलावा इनमें से कई को फिरोजा, कारेलियन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कब्रें छह अमीर एशियाई खानाबदोशों की थीं, जिनमें पांच महिलाएं और एक पुरुष शामिल है। नेशनल जियोग्राफिक ने 2016 में कहा था कि उनके साथ मिली 2,000 साल पुरानी कलाकृतियां सौंदर्य प्रभावों (फारसी से शास्त्रीय ग्रीक तक) का एक दुर्लभ मिश्रण प्रदर्शित करती हैं। बड़ी संख्या में कीमती वस्तुओं, विशेष रूप से छठे मकबरे में पाया गया जटिल सुनहरा मुकुट ने पुरातत्वविदों को आश्चर्यचकित कर दिया था। बैक्ट्रियन खजाना अफगानिस्तान की एक महत्वपूर्ण धरोहर है, जिसे फरवरी 2021 में राष्ट्रपति भवन में लोगों के देखने के लिए खोल दिया था और लोगों के लिए प्रदर्शित किया गया था।
वासिक ने कहा है कि प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ जो भी अनुबंध किया गया है, वह यथावत रहेगा। खबर के अनुसार, वासिक ने यह भी कहा कि उनके आंकलन से पता चलता है कि राष्ट्रीय संग्रहालय, राष्ट्रीय संग्रह और राष्ट्रीय गैलरी और अन्य ऐतिहासिक और प्राचीन स्मारकों की वस्तुएं अपनी जगहों पर सुरक्षित हैं।