अफगानिस्तान| अफगानिस्तान की सत्ता में 20 बाद वापसी करने वाले तालिबान को अब इस बात की चिंता सता रही है कि आखिर बैक्ट्रियन गोल्ड खजाना कहां है। तालिबान अब 2000 साल पुराने बैक्ट्रियन गोल्ड के खजाने को सुरक्षित करने के लेने के लिए एक तलाशी अभियान शुरू कर चुका है। तालिबान के सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने कहा है कि उन्होंने बैक्ट्रियन खजाने को ट्रैक करने और उसका पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। बैक्ट्रियन खजाने को बैक्ट्रियन गोल्ड के नाम से भी जाना जाता है, जिसे चार दशक पहले शेरबर्गन जिले के तेला तापा इलाके में खोजा गया था, जो उत्तरी जवज्जन प्रांत का केंद्र है।
बैक्ट्रियन खजाने में प्राचीन दुनिया भर से हजारों सोने के टुकड़े होते हैं और यह पहली शताब्दी ईसा पूर्व से पहली शताब्दी ईस्वी तक छह कब्रों के अंदर पाए गए थे। इन कब्रों में 20,000 से अधिक वस्तुएं थीं, जिनमें सोने की अंगूठियां, सिक्के, हथियार, झुमके, कंगन, हार, हथियार और मुकुट शामिल थे। सोने के अलावा इनमें से कई को फ़िरोज़ा, कारेलियन और लैपिस लाजुली जैसे कीमती पत्थरों से तैयार किया गया था।
विद्वानों का मानना है कि कब्रें छह अमीर एशियाई खानाबदोशों की थी, जिनमें पांच महिलाएं और एक पुरुष की थीं।2016 में कहा था कि उनके साथ मिली 2,000 साल पुरानी कलाकृतियां सौंदर्य प्रभावों (फारसी से शास्त्रीय ग्रीक तक) का एक दुर्लभ मिश्रण प्रदर्शित करती हैं और बड़ी संख्या में कीमती वस्तुओं, विशेष रूप से छठे मकबरे में पाया गया जटिल सुनहरा मुकुट ने पुरातत्वविदों को आश्चर्यचकित कर दिया था।
कहीं हाथ न मलते रह जाए तालिबान, खजाना खोजने में जुटी सरकार
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