
काबुल । अफागनिस्तान में भले ही तालिबान की अंतरिम सरकार बन गई हो पर यहां के अफगान व्यापारियों में राष्ट्रवाद उभरने लगा है उन्होंने भविष्य में पाकिस्तानी रुपए में द्विपक्षीय व्यापार करने की पाकिस्तान की मांग खारिज कर दी है। पिछले दिनों पाकिस्तान के वित्त मंत्री शौकत तरीन ने कहा था कि उनका देश अफगानिस्तान से पाकिस्तानी रुपए में लेन-देन करेगा। इन रिपोर्टों के बाद अफगान कारोबारियों ने ‘अफगानी हमारी राष्ट्रीय पहचान’ शीर्षक से एक सोशल मीडिया अभियान शुरू किया। अधिकांश सोशल मीडिया यूजर ने नारे साझा किए कि ‘हम अफगानिस्तान के निवासी हैं, अफगानी हमारी राष्ट्रीय पहचान है’ और ‘अफगानी मुद्रा का उपयोग करना हमारी राष्ट्रीय जिम्मेदारी है।’
सोशल मीडिया यूजर अब्दुल करीम ने एक ट्वीट में कहा कि मैं अपना देश खुद बनाऊंगा, इसलिए मैं अपने देश की मुद्रा का उपयोग करूंगा। अफगानिस्तान में हर लेन-देन अफगान मुद्रा में होना चाहिए। तालिबान समर्थक अफगान शेख अब्दुल हमीद हम्मासी ने कहा कि यदि कोई राष्ट्रीय पहचान और अफगानवाद को महत्व देता है तो उन्हें लेन-देन के लिए अफगान मुद्रा का उपयोग करना चाहिए।
अफगानिस्तान के केंद्रीय बैंक ने बैंकों को केवल स्थानीय मुद्रा में विदेश से पैसे (रैमिटैंस) का भुगतान करने का आदेश दिया है। केंद्रीय बैंक ऐसा करके देश में दुर्लभ यूएस डॉलर भंडार को संरक्षित करना चाहता है। पिछले कुछ वर्षों में अफगानिस्तान के लिए बाहरी वित्त एक महत्वपूर्ण स्रोत रहा है परंतु तालिबान की देश पर विजय के बाद डॉलर की उपलब्धता सूख गई है। एक मनी एक्सचेंजर ने कहा कि अफगानिस्तान में वैस्टर्न यूनियन कंपनी के एजेंटों को केंद्रीय बैंक से रैमिटैंस का भुगतान केवल अफगानी में करने का निर्देश मिला है। मनीग्राम ने कहा कि वह केवल अफगानी में भुगतान कर रहा है।