जयपुर. राजस्थान में छह जिलों और 78 पंचायत समितियों के चुनाव में कई नेता अपनी सियासी साख नहीं बचा पाए. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां के क्षेत्र में उनकी पार्टी बहुमत से दूर है. ऐसे ही कांग्रेस में पार्टी की साख तो बची, लेकिन कुछ मंत्री और विधायक सियासी साख नहीं बचा पाए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समर्थक 4 निर्दलीय विधायकों के क्षेत्रों में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा.इस बार स्थानीय विधायकों की सिफारिश पर ही कांग्रेस-बीजेपी ने टिकट दिए थे. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के क्षेत्र में आमेर और जालसू दोनों पंचायत समितियों में उनकी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. जिला परिषद चुनावों में कांग्रेस सिरोही और भरतपुर में बोर्ड नहीं बना सकी है.


लालचंद कटारिया और परसादी लाल मीणा ने दिलाया बहुमत
गहलोत सरकार के मंत्रियों की बात करें तो जयपुर जिले में कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, दौसा में सहकारिता मंत्री परसादीलाल मीणा के इलाकों में कांग्रेस को बहुमत मिला है. दूसरी ओर मंत्री भजनलाल जाटव, राजेंद्र यादव और सुभाष गर्ग के इलाकों की पंचायत समितियों में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. इन तीन मंत्रियों के इलाकों में निर्दलीय निर्णायक हैं. महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के इलाके की एक पंचायत समिति सिकराय में कांग्रेस को बहुमत मिला है, ज​बकि सिकंदरा में निर्दलीय निर्णायक हैं.

जयपुर जिले में एक मंत्री फेल हुआ तो एक पास


जयपुर जिले में झोटवाड़ा विधायक और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के इलाके झोटवाड़ा और जोबनेर में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है. चाकसू से पायलट समर्थक विधायक वेदप्रकाश सोलंकी, विराटनगर से इंद्राज गुर्जर के क्षेत्र में एक-एक पंचायत समिति में स्पष्ट बहुमत मिला है. जमवारामगढ़ से गोपाल मीणा के क्षेत्र में एक जगह बहुमत मिला है.


सहकारिता मंत्री अव्वल, ममता भूपेश का रिजल्ट औसत


लालसोट विधायक और सहकारिता मंत्री परसादीलाल मीणा के क्षेत्र लालसोट में दोनों पंचायत समितियों में कांग्रेस को बहुमत मिला है. सिकराय से विधायक महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश के क्षेत्र में एक ही जगह बहुमत मिला है. दौसा विधायक मुरारीलाल मीणा, बांदीकुई विधायक जीआर खटाणा अपने क्षेत्र में बहुमत दिलाने में कामयाब रहे हैं. महवा से निर्दलीय विधायक ओमप्रकाश हुड़ला के क्षेत्र में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला.


सवाईमाधोपुर में दो विधायक फेल, दो पास
बामनवास से कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा के क्षेत्र में दोनों जगह कांग्रेस का बोर्ड नहीं बना है. उनके इलाके में बीजेपी आगे है. खंडार से विधायक अशोक बैरवा के क्षेत्र में दोनों जगह खंडार और चौथ का बरवाड़ा में कांग्रेस को बहुमत मिला है। सवाईमाधोपुर विधायक दानिश अबरार के क्षेत्र में एक जगह सवाईमाधोपुर में बहुमत मिला है, जबकि मलारना डूंगर में निर्दलीय निर्णायक हैं. गंगापुर सिटी से गहलोत समर्थक निर्दलीय विधायक रामकेश मीणा के क्षेत्र गंगापुर सिटी में कांग्रेस को बहुमत नहीं मिला है.


भरतपुर में अलग राह, सब जगह निर्दलीयों का बोलबाला
राज्य की राजनीति की धारा से अलग राह बनाने वाले भरतपुर ने पंचायत-परिषद चुनाव में भी अपनी परंपरा जारी रखी है. यहां सभी विधायक सत्ताधारी पार्टी के है, लेकिन अपने इलाकों में कांग्रेस के सिंबल पर कहीं भी बहुमत नहीं दिलवा सके. यहां निर्दलीयों का ही बोलबाला है. वैर से विधायक और राज्य मंत्री भजनलाल जाट, भरतपुर से आरएलडी विधायक और मंत्री सुभाष गर्ग, पूर्व मंत्री और डीग कुम्हेर विधायक विश्वेंद्र सिंह, नगर विधायक वाजिब अली, कामां विधायक जाहिदा खान, बयाना विधायक अमर सिंह जाटव के क्षेत्रों में निर्दलीयों का बाहुल्य है. भरतपुर के नेताओं का कहना है कि जीते हुए निर्दलीय कांग्रेस के पक्ष में जाएंगे. उन्होंने रणनीति के तहत बिना सिंबल चुनाव लड़वाए थे.


सीएम समर्थक 4 निर्दलीय विधायकों के क्षेत्रों में हारी कांग्रेस
गहलोत समर्थक चार निर्दलीय विधायकों के क्षेत्रों में कांग्रेस हार गई है. सिरोही से निर्दलीय संयम लोढ़ा, दूदू से बाबूलाल नागर, गंगापुर से निर्दलीय रामकेश मीणा और महवा से निर्दलीय ओमप्रकाश हुड़ला के क्षेत्रों में कांग्रेस हार गई है. सिरोही में निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के क्षेत्र की दोनों पंचायत समितियों में कांग्रेस हार गई है. वहीं बीजेपी का बहुमत आया है. सिरोही की 5 पंचायत समितियों में से केवल आबूरोड में ही कांग्रेस का बहुमत है. निर्दलीय बाबूलाल नागर के क्षेत्र की दोनों पंचायत समितियों में कांग्रेस हार गई है. शाहपुरा से निर्दलीय आलोक बेनीवाल और बस्सी से निर्दलीय लक्ष्मण मीणा सियासी साख बचाने में सफल रहे हैं.