भोपाल । सरकार ने मालवा-निमाड़ को अब इंडस्ट्री हब बनाने के लिए कमर कस ली है। आने वाले समय में तीन जिलों में मेगा इंडस्ट्री एरिया बनाने का प्लान तैयार हो चुका है। एकेवीएन बनाम मध्यप्रदेश औद्योगिक केंद्र विकास निगम  इंदौर-धार -पीथमपुर की तर्ज पर देवास व रतलाम जिले में लगभग 34 हजार हेक्टेयर पर 3 नए औद्योगिक निवेश क्षेत्र बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है।

धार-पीथमपुर में 15 हजार 500 हेक्टेयर
मध्यप्रदेश औद्योगिक विकास निगम एमडी कार्यालय के उच्च सूत्रों के अनुसार धार-पीथमपुर में इस योजना की शुरुआत हो चुकी है। इसके लिए कई  गांवों की जमीनें किसानों से लेने, यानी भू-अधिग्रहण करने की कार्रवाई बड़ी तेजी से चल रही है।

रतलाम में 13 हजार 500 हेक्टेयर
 रतलाम में भी नेशनल हाईवे के पास नया औद्योगिक निवेश क्षेत्र बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। इसके लिए 13 हजार 500 हेक्टेयर जमीन मिल गई है। यहां भी आने वाले सालों में नया मेगा  इंडस्ट्रियल  एरिया बनाने की कवायद शुरू हो गई है। अधिकारियों के अनुसार  इस क्षेत्र में गांव या किसानों की जमीनों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

कछुआ चाल की तरह न हो विकास
अभी तक देखने में आया है कि मध्यप्रदेश औद्योगिक केन्द्र विकास निगम नए निवेश क्षेत्र की योजना तो बना लेता है, मगर  सारे प्रोजेक्ट जमीन पर आने में बहुत समय लगता है। कई बार तो विकास कार्यों की गति कछुआ चाल को भी मात कर देती है। इसलिए ये सुस्ती दोहराई नहीं जाए।

देवास में 5000 हेक्टेयर क्षेत्र की योजना
इसी तरह देवास में भी लगभग 5000 हेक्टेयर पर नया निवेश  क्षेत्र बनाने के लिए गांव व किसानों की जमीनें चिह्नित करने की  कार्रवाई शुरू हो चुकी है। इसके लिए अभी तक 750 हेक्टेयर जमीन चिह्नित की जा चुकी है। अन्य जमीन के लिए  कार्रवाई जारी है।

2025 तक सारे इन्वेस्टमेंट एरिया प्रोजेक्ट जमीन पर
  मध्यप्रदेश औद्योगिक केंद्र विकास निगम प्रबंध संचालक कार्यालय  के सूत्रों  के अनुसार  तीन नए निवेश क्षेत्र बनाने के लिए गजट नोटिफिकेशन, दावे-आपत्ति, अनापत्ति, अधिग्रहण  की कवायद  के बाद नए निवेश क्षेत्रों में विकास कार्यों की शुरुआत हो जाएगी। सब कुछ ठीक रहा तो 2025 तक इन्वेस्टमेंट न्यू इंडस्ट्रियल प्रोजेक्ट प्लान जमीन पर उतरना शुरू हो जाएंगे।

 नए निवेश क्षेत्र के साथ 3 नए  औद्योगिक शहर भी
जब तीन नए निवेश क्षेत्र में  इंडस्ट्रियल एरिया  के साथ साथ रेसीडेंशियल एरिया भी बनाया जाएगा, जहां पर टाउनशिप की तरह सारी सुविधाएं होंगी।  उद्योगों में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारी वहां रह सकेंगे। उनकी घर-गृहस्थी व परिवार की दैनिक जरूरत वाले व्यावसायिक बाजार, मनोरंजन स्थल भी बनने लगेंगे। इस तरह इन नए निवेश क्षेत्रों में भोपाल के बीएचएल सिटी की तरह नई टाउनशिप आकार लेगी।