नई दिल्ली । पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को ईंधन की कीमतों में वृद्धि को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन पर पलटवार करते हुए झूठ बोलने और मिथ्या प्रचार करने का आरोप जड़ दिया। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार जब केंद्र की सत्ता में थी तब एक जनवरी 2014 को रसोई गैस की कीमत 1241 रुपए थी जबकि उसी साल मार्च के महीने में इसकी कीमत 1080 रुपये थी। इनके मुकाबले अभी रसोई गैस की कीमत 834 रुपए हैं। उन्होंने दावा किया कि राहुल गांधी ने संप्रग सरकार के दौरान जो रसेाई गैस के मूल्य बताए वह सब्सिडी वाले थे जबकि भाजपा सरकार के दौरान वाले मूल्य बगैर सब्सिडी वाले रसोई गैस के थे। राहुल गांधी ने एक बार फिर वही कहा जिसके लिए वह जाने जाते हैं। उन्होंने मिथ्या प्रचार किया है और झूठ बोला है। उन्होंने कांग्रेस नेता पर प्रस्तावित मुद्रीकरण नीति पर भी भ्रामक जानकारी फैलाने का आरोप लगाया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन के बयान का हवाला देते हुए पात्रा ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार को संप्रग शासन के दौरान 1.4 लाख करोड़ रू के तेल बांड जारी करने का खामियाजा भी विरासत में मिला है। राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा, जिन्होंने भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और नीति निर्धारण के संकट वाली सरकार चलाई, वह भारत के विकास दर (जीडीपी) को लेकर मिथ्या फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 20.1 प्रतिशत की ''ऐतिहासिक वृद्धि हुई है । उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्णायक नेतृत्व को दर्शाता है। पात्रा ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी मुद्रीकरण के जरिए संपत्तियों को बेचने के बारे में झूठ फैला रहे हैं। उन्होंने दावा कि इससे मिलने वाले पैसे जनता के हित में उपयोग होंगे और संपत्तियों का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी से जब एक पत्रकार ने पूछा कि क्या कांग्रेस शासित राज्य ईंधन की कीमतों को कम करने के लिए मूल्य वर्धित कर (वैट) कम करेंगे, तो उन्होंने इसका कोई सीधा जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा, इससे स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सिर्फ बातें करती है लेकिन काम कुछ नहीं करती। इससे पहले, राहुल गांधी ने रसोई गैस, डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि पिछले सात सालों में इन उत्पादों के दाम बढ़ाकर 23 लाख करोड़ रुपए अर्जित किए गए हैं।