सुखबीर बादल को करना पड़ सकता है मलूका के विरोध का सामना
बता दें कि सिकंदर सिंह मलूका को रामपुरा फूल से कैबिनेट मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा गया है। मलूका का कहना है कि उस विधानसभा क्षेत्र में उनकी इतनी पकड़ नहीं है। इसलिए उन्हें मौड़ मंडी से टिकट दी जाए। मगर इसके बावजूद जगमीत बराड़ को वहां से चुनाव मैदान में उतार दिया गया है। जगमीत बराड़ की शिअद में एंट्री के बाद से ही पार्टी के कई सीनियर नेता इसका विरोध जता चुके हैं। इस तरह सीनियर नेता की मांग ठुकरा जगमीत को टिकट देने से विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
चुनाव जीतने का दम रखते हैं जगमीत बराड़
जगमीत सिंह बराड़ कुछ ही समय में चुनाव समीकरण बदलने का दम रखते हैं। वह सुखबीर सिंह बादल को केंद्रीय मंत्री रहते हुए फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र से हरा चुके हैं। यही नहीं कोटकपुरा विधानसभा क्षेत्र से 15 दिन पहले उनके भाई रिपजीत बराड़ को टिकट मिली थी और उन्होंने 15 दिन में चुनाव जीता था। अब वह मौड़ मंडी से पार्टी के लिए क्या कर सकते हैं यह देखने वाली बात होगी।
कांग्रेस से अलग होकर तृणमूल कांग्रेस में गए थे जगमीत बराड़
जगमीत सिंह बराड़ ने लंबा समय कांग्रेस में काम किया है। वह कांग्रेस की केंद्रीय लीडरशिप में शामिल रहे हैं। वह पार्टी के गोवा में चुनाव प्रभारी भी रह चुके हैं और इसके बाद ही उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी और तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष लग गए थे। वह करीबन 10 साल से स्थानीय प्रदेश राजनीति से दूर रहे हैं और अब शिअद के जरिए राजनीति में दोबारा आ रहे हैं।