
भोपाल । भाजपा उपचुनाव की तैयारियों में सक्रिय हो गई है और सभी प्रभारियों को उनके क्षेत्रों में बैठकें लेने के लिए भेजा गया है। खंडवा लोकसभा के लिए अब हर्ष चौहान का पलड़ा भारी होता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान जहां सीधे हर्ष को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में नजर आ रहे हैं तो पर्दे के पीछे से भी कई नेता चाह रहे हैं कि हर्ष को ही टिकट मिले, ताकि सहानुभूति के वोट भी भाजपा के पाले में आ जाए। चुनाव आयोग अब कभी भी प्रदेश में खंडवा लोकसभा उपचुनाव और तीन सीटों पर विधानसभा उपचुनाव की घोषणा कर सकता है। माना जा रहा है कि सितम्बर के पहले पखवाड़े में चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी जाएगी। इसके लिए भाजपा ने अपनी तैयारियां जोर-शोर से शुरू कर दी है। विगत दिनों भाजपा संगठन की बैठक में भी उपचुनाव वाली सीटों पर प्रभारी बनाए गए भाजपा नेताओं को लगातार वहां जाकर बैठकें लेने के लिए कहा है और जिन बूथों पर भाजपा की स्थिति कमजोर हैं वहां विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। इसके बाद सभी प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में बैठक लेने पहुंच चुके हैं।
सीएम दे चुके हैं संकेत
खंडवा को लेकर उम्मीदवार का फैसला भी लगभग होने को है और चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद भाजपा अपना उम्मीदवार घोषित कर देगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पिछले सप्ताह खंडवा दौरे के दौरान कई योजनाओं की घोषणा की थी और इशारों ही इशारों में दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र हर्ष चौहान को उम्मीदवार बनाने की बात भी कह डाली। हालांकि पार्टी यहां सेबोटेज की संभावना को देखते हुए उम्मीदवार के नाम की घोषणा आखिर में करेगी। हालांकि यह तो तय है कि मुख्यमंत्री हर्ष चौहान के नाम पर सहमत है और वे अपना मन बना चुके हैं कि हर्ष ही खंडवा से उम्मीदवार होगा। हर्ष को सहानुभूति के वोट तो मिलेंगे ही वहीं नंदू भैया के लगातार सांसद रहने का फायदा भी हर्ष को मिलेगा। नंदू भैया के साथ रहे प्रदेश के कई बड़े नेता भी हर्ष को ही उम्मीदवार देखना चाह रहे हैं। हालांकि कृष्णमुरारी मोघे और अर्चना चिटनीस भी अभी तक अपना दावा छोडऩे को तैयार नहीं है। दोनों ही नेता अपने-अपने संबंधों के आधार पर दिल्ली से टिकट लाने की जुगाड़ लगाए हुए हैं।