
नई दिल्ली । कांग्रेस नेताओं ने भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) द्वारा भारत की आजादी के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में "आजादी का अमृत महोत्सव" समारोह से जवाहरलाल नेहरू की छवि को हटाने पर कड़ी आपत्ति जताई।
कांग्रेस नेताओं ने महात्मा गांधी, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, बीआर अंबेडकर, सरदार वल्लभाई पटेल, राजेंद्र प्रसाद, मदन मोहन मालवीय और वीर सावरकर की तस्वीरें दिखाते हुए आईसीएचआर वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट साझा किया जिसमें नेहरू की तस्वीर गायब थी।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने इस कदम को "क्रूर" करार दिया। जबकि पार्टी प्रवक्ता गौरव गोगोई ने कहा कि कोई भी देश स्वतंत्रता संग्राम के बारे में वेबसाइट से पहले प्रधान मंत्री को नहीं हटाता है, यह "क्षुद्र" और "अन्याय" है।
गोगोई ने ट्विटर पर कहा। "कौन सा अन्य देश स्वतंत्रता संग्राम के बारे में एक वेबसाइट से अपने पहले राष्ट्राध्यक्ष को हटा देगा? आईसीएचआर द्वारा पंडित जवाहरलाल नेहरू और अबुल कलाम आजाद को हटाना ए"क्षुद्र" और "अन्याय" है। भारत यह नहीं भूलेगा कि आरएसएस ने भारतीय स्वतंत्रता से दूर रहना चुना था।”
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने पूछा कि क्या नेहरू की फोटो हटाने से किसी का कद बढ़ेगा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "क्या नेहरू की तस्वीर हटाने से कद बढ़ जाएगा? बौना बौना ही रहेगा।"
शशि थरूर ने तस्वीर साझा करते हुए कहा, "भारतीय स्वतंत्रता की पूर्व-प्रतिष्ठित आवाज, जवाहरलाल नेहरू को छोड़ कर आजादी का जश्न मनाना आईसीएचआर के लिए खुद को बदनाम करने का एक और अवसर। यह एक आदत बन रही है।"