
नई दिल्ली । 135 साल पुरानी कांग्रेस पार्टी को 2 साल से कोई अध्यक्ष नहीं मिल सका है। पिछले 2 साल से सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष हैं। राहुल गांधी के 2 साल के कार्यकाल को हटा दिया जाए तो सोनिया गांधी 1998 से लगातार पार्टी की अध्यक्ष बनी हुई हैं। प्रियंका गांधी वाड्रा पिछले कुछ सालों से पार्टी के लिए काम कर रही हैं। इस सबके बीच हालिया सालों में कांग्रेस की अंदरूनी कलह लगातार सामने आ रही है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, पंजाब से लेकर छत्तीसगढ़ तक। जब से गांधी परिवार ने केसी वेणुगोपाल के किनारे कर ओमन चांडी और रमेश चेन्नीथला को तरजीह दी है तब से के सुधाकरण और वीडी सतीसन गुट आपस में लड़ने में लगे हुए हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन का एक कारण यह भी रहा। यहां सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की लड़ाई जगजाहिर है। और इस लड़ाई का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ रहा है। बीजेपी द्वारा येदियुरप्पा को सीएम पद से हटाने के बाद कांग्रेस बीजेपी पर निशाने लगाने के लिए सही तीर की तलाश में है। सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार खुद को मुख्यमंत्री बनते हुए देखने की लड़ाई लड़ते हुए कांग्रेस का नुकसान करवा रहे हैं। जब से राहुल गांधी ने बीजेपी से कांग्रेस में आए नाना पटोले को प्रदेश प्रमुख बनाया है तब से कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई में सब ठीक नहीं चल रहा है। नाना पटोले पर पुराने कांग्रेसी आरोप लगा रहे हैं कि वह हमें छोड़कर नए लोगों के साथ काम कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितिन राउत और नाना पटोले के संबंध भी ठीक नहीं हैं। माने महाराष्ट्र में भी कांग्रेस दो फाड़ में नज़र आती है। मुंबई क्षेत्रीय कांग्रेस कमेटी में अंतर्कलह में संजय निरुपम का नाम सामने आता रहा है। पहले संजय निरुपम और गुरुदास कामथ के बीच लड़ाई थी। इस लड़ाई का असर सूरज ठाकुर और बही जगतप के बीच भी दिखता है।