
भोपाल । इन दिनों शहर में वायरल की चपेट में बढ़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। ऐसे तो सभी उम्र के लोग मौसमी वायरल की चपेट में आ रहे हैं, लेकिन इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे और बुजुर्ग हो रहे हैं। युवाओं पर भी इस वारयल का असर देखा जा रहा है। परिवार में एक व्यक्ति बीमार होने पर पूरा परिवार वारयल की चपेट में आ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक जो लोग चपेट में आ रहे है, इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है और इन दिनों लगातार मौसम में परिवर्तन आ रहा है। इस कारण यह जल्दी बीमारी का शिकार बन रहे हैं।
वहीं वायरल के साथ दूषित पानी, खुले में रखे भोज्य पदार्थ के खाने के कारण पेट से संबंधित बीमारियां भी बढ़ी हैं। इसमें पीलिया, डायरिया, टाइफाइड आदि शामिल हैं। बच्चे नसमझ होते हैं, इसलिए वो कोई भी खाद्य पदार्थ खा लेते हैं। इस कारण बच्चे इन बीमारियों के ज्यादा शिकार हर वर्ष इस मौसम में हो रहे हैं। इस बार भी ऐसा ही हो रहा है। इस बार शहर में बारिश कम हुई है। रिमझिम बारिश होने से कीचड़, गंदगी ज्यादा हो रही है। इस कारण बीमारी भी बढ़ रही है। वर्तमान में मौसम में परिवर्तन हो रहे हैं। कभी ठंडा, तो कभी गर्म मौसम हो रहा है। ऐसा ही घर और बाहर का वातारण में भी फर्क है।
अस्पतालों में बढ़ रहे मरीज
वर्तमान में जो मौसमी वायरल फैला है, इसमें घर में कोई एक बीमार हो रहा है, तो पूरा घर ही इसकी चपेट में आ रहा है। इसमें गले में दर्द के साथ बदन, सिर दर्द, सर्दी-खांसी और रात में नाक बंद होने की शिकायत हो रही है। इसका असर तीन से चार दिन रह रहा है। कई लोगों को बुखार लंबे समय तक बना रह रहा है। वैसे ज्यादातर मरीज समान्य इलाज के बाद स्वस्थ हो रहे हैं। वहीं कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की नौबत आ रही है। वहीं इस मौसम में एलर्जी के मरीज भी बहुत ज्यादा परेशान हो रहे हैं। अचानक छींके, खांसी का ठसका और नाक में से पानी आने की शिकायत हो रही है। कई मरीजों पर एलर्जी की दवा भी असर नहीं कर रही है।
बच्चों में डायरिया, उल्टी-दस्त की शिकायतें ज्यादा
इन दिनों वायरल के मरीज बढ़ हैं। इनमें बच्चों की तादाद ज्यादा है। कई बच्चे एमवाय औैर चाचा नेहरू अस्पताल में भर्ती भी हुए हैं। इसमें सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत बच्चों में ज्यादा हो रही है और समय पर सही इलाज न होने के कारण निमोनिया की चपेट में भी आ रहे हैं। वहीं दूषित जल के कारण उल्टी-दस्त, डायरिया का शिकार बन रहे हैं। डॉ. अनिल डोंगरे ने बताया कि बच्चों की तबीयत थोड़ी भी गड़बड़ हो, तो तुरंत नजदीकी शासकीय स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचे और सर्दी-खांसी और बुखार के शिकायत हो, तो कोरोना की जांच भी कराएं, ताकि समय रहते बीमारी का पता लग सके।
जांच में कर रहे आनाकानी
इन दिनों वायरल बुखार काफी फैल रहा है, फिर भी लोग कोरोना की जांच नहीं करवा रहे हैं। सिर्फ फीवर क्लिनिक केंद्रों पर दवाइयां लेने जाने वालों की कोरोना की जांच की हो रही है। प्राइवेट क्लिनिक पर जाने वालों की इन दिनों कोरोना की जांच के लिए नहीं कहा जा रहा है।
तबीयत खराब हो तो घबराएं नहीं
डॉ. अनिल डोंगरे ने बताया कि सर्दी-बुखार आने पर कोरोना की जांच जरूर करवाएं। लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। तीसरी लहर को देखते हुए कोरोना जांच काफी महत्वपूर्ण है। यदि कोई संक्रमित मिलता है तो उसका तुरंत इलाज हो सकता है।