न्यूयार्क । संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्‍जे से पैदा हुए हालात पर एक आपात बैठक की। बीते एक हफ्ते में सुरक्षा परिषद की यह दूसरी बैठक थी। बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना होगा कि अफगानिस्तान दोबारा आतंकवादी संगठनों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं बने। 
उन्होंने कहा कि मैं सभी पक्षों खासकर तालिबान से गुजारिश करता हूं कि वह लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए संयम बरते और सामान्य लोगों की मानवीय जरूरतों की आपूर्ति सुनिश्चित करें। अफगानिस्तान पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि अफगानिस्‍तान में जारी संघर्ष ने हजारों लोगों को घर छोड़ने को मजबूर कर दिया है। काबुल में देश भर के प्रांतों से आंतरिक रूप से विस्थापित लोगों की भारी आमद देखी जा रही है। मैं सभी पक्षों को नागरिकों की रक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं। मैं सभी पक्षों का आह्वान करता हूं कि वे लोगों को जीवन रक्षक सेवाओं और सहायता के लिए निर्बाध पहुंच प्रदान करें।
एंटोनियो गुटेरस ने अचानक पैदा हुए इस मानवीय संकट पर कहा-मैं सभी देशों से शरणार्थियों को स्वीकार करने की अपील करता हूं। अफगानिस्तान में वैश्विक आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होना होगा कि अफगानिस्तान को दोबारा कभी आतंकवादी संगठनों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने दिया जाएगा। मैं सभी पक्षों को अफगानिस्तान के नागरिकों की रक्षा के लिए उनके दायित्वों की याद दिलाता हूं। 
बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एक स्वर में बोलना चाहिए। मैं तालिबान और सभी पक्षों से अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून और सभी व्यक्तियों के अधिकारों और स्वतंत्रता की रक्षा करने का आह्वान करता हूं। उन्‍होंने कहा कि हमें पूरे अफगानिस्‍तान से मानवाधिकारों पर प्रतिबंधों की चौंकाने वाली रिपोर्टें मिल रही हैं। मैं विशेष रूप से अफगानिस्तान की महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते मानवाधिकारों के उल्लंघन से चिंतित हूं जो तालिबान राज के काले दिनों की वापसी से डरते हैं।
वहीं संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान के राजदूत और स्थाई प्रतिनिधि गुलाम एम इसाकजई ने कहा कि आज मैं अफगानिस्तान के लाखों लोगों की ओर से बोल रहा हूं। मैं उन लाखों अफगान लड़कियों और महिलाओं की बात कर रहा हूं, जो स्कूल जाने और राजनीतिक-आर्थिक और सामाजिक जीवन में भाग लेने की स्वतंत्रता खोने वाली हैं। तालिबान दोहा और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किए गए अपने वादों और प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं कर रहा है। 
आज अफगानिस्‍तान के लोग भय में जी रहे हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने कहा कि हमें इस बात की गहरी चिंता है कि संकट में फंसे लोगों को किसी तरह की सहायता नहीं मिल रही है। विश्व खाद्य कार्यक्रम के तहत 500 टन से अधिक सहायता सीमा पर फंसी है। यह सहायता वितरण तुरंत फिर से शुरू होनी चाहिए। हम अफगानिस्तान के पड़ोसियों और अन्य देशों से अफगान लोगों को शरण देने की गुजारिश करते हैं।