
भोपाल । भोपाल की 15 ग्राम पंचायतें 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन की लिस्ट में शामिल हो गई है। यहां 18+ वाले सभी लोगों को वैक्सीन का फस्र्ट डोज लगाया जा चुका है, लेकिन चुनौती उन 90 प्रतिशत गांवों में हैं, जहां वैक्सीन लगवाने से कुछ लोग ही बचे हैं। कफ्र्यू खुलने के बाद कोई नौकरी की तलाश में किसी शहर-प्रदेश में चले गए या फिर गांव में लंबे समय से मौजूद नहीं है। इन्हें जिला प्रशासन कॉल करके बुलावा भेज रहा है।
जिले में 187 ग्राम पंचायतें हैं। इनमें से 15 पंचायतें 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन का टॉरगेट पूरा कर पाई है। इसके अलावा बैरसिया नगर परिषद में सभी 25 हजार 118 लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। जिससे यह भी 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन करने वाले निकायों में शामिल हो गई हैं। अब अफसरों का फोकस 172 ग्राम पंचायतों पर है।
वोटर लिस्ट के हिसाब से वैक्सीनेशन
दरअसल, कोई भी कहीं भी वैक्सीन लगवा सकता है। शुरुआत में कई शहरी लोगों ने गांवों के सेंटरों में पहुंचकर वैक्सीन लगवा ली। ताकि शहरी केंद्रों पर भीड़ और वैक्सीन की कमी से बच सके। इस कारण जिला पंचायत ने वोटर लिस्ट के हिसाब से ग्रामीणों को वैक्सीन लगाना शुरू की। जिला पंचायत सीईओ विकास मिश्रा बताते हैं कि गांवों की वोटर लिस्ट निलकवाई गई। जिसे वैक्सीन का डोज लग जाता, उसका नाम लिस्ट से हटा देते हैं। इस प्रोसेस को अपनाने के बाद ही 15 ग्राम पंचायतों में सबको वैक्सीन का फस्र्ट डोज लग चुका है। अब यहां सेकंड डोज पर फोकस कर रहे हैं। हालांकि, 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों को सेकंड डोज भी लगा चुके हैं। आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से लोगों को पीले चावल देकर सेंटरों पर बुलाया गया।
अब भेज रहे बुलावा
अफसरों का कहना है कि 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन से बची 172 ग्राम पंचायतों में अधिकांश लोगों को फस्र्ट डोज लगा चुके हैं, लेकिन ज्यादातर पंचायतें ऐसी हैं जहां वैक्सीन लगवाने से छूटे लोगों की संख्या 10 भी नहीं है। वे काम-धंधे की तलाश में बाहर चले गए। इसलिए उन्हें मोबाइल पर कॉल करके बुलवा रहे हैं। पंचायत सचिवों को जिम्मेदारी दी गई है। वे रोज मानीटरिंग कर रहे हैं।
इनका कहना है
वोटर लिस्ट के हिसाब से वैक्सीन लगा रहे हैं। इससे 15 पंचायतें 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन के दायरे में आ गई है। अधिकांश पंचायतें भी इस कैटेगिरी में आ रही है। जो लोग वैक्सीन लगवाने से छूटे हैं और बाहर है उन्हें कॉल करके बुला रहे हैं। यदि उन्होंने बाहर वैक्सीन लगवा ली है तो उनसे सर्टिफिकेट मंगवा रहे हैं। ताकि पारदर्शिता बनी रहे। सचिवों को रोज कॉल करके बुलावा भेजने को कहा है।
विकास मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत भोपाल