काबुल । अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। तालिबान ने काबुल और राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया है। बताया जा रहा हैं कि अशरफ गनी ताजिकिस्तान भाग गए हैं। मगर अब ताजा खबर है कि ताजिकिस्तान ने राष्ट्रपति गनी के प्लेन को लैंडिंग की इजाजत नहीं दी है।इसके बाद खबर हैं कि अब गनी अमेरिका जा सकते हैं। फिलहाल वह ओमान में रुके हैं।गनी के साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोहिब भी ओमान में हैं। दोनों एक साथ प्लेन से ताजिकिस्तान पहुंचे, मगर उनके प्लेन को लैंडिंग की परमिशन नहीं मिली। 
तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान छोड़कर भागने वाले राष्ट्रपति गनी देर रात अपने देश छोड़ने की वजह जाहिर की। राष्ट्रपति गनी ने लिखा है कि वह इसकारण अफगानिस्तान से भागे, ताकि लोगों को ज्यादा खून-खराबा न देखना पड़े। गनी ने लिखा है कि अगर वह अफगानिस्तान में रुके होते,तब बड़ी संख्या में लोग देश के लिए लड़ने आते।इसके बाद वहां असंख्य लोगों की जान जाती। साथ ही काबुल शहर पूरी तरह से बर्बाद हो जाता। उन्होंने लिखा कि अब तालिबान जीत चुका है। अब वह अफगान लोगों के सम्मान, संपत्ति और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है। गनी ने लिखा है कि तालिबान एक ऐतिहासिक टेस्ट का सामना कर रहा है। अब या वहां अफगानिस्तान के नाम और सम्मान को बचाएंगे या फिर अन्य जगहों और नेटवर्क को वरीयता देगा। 
इस बीच पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई और अब्दुल्ला अब्दुल्ला अभी काबुल में ही हैं। दोनों सोमवार को तालिबानी लीडरशिप से बात करने वाले हैं। दोनों की कोशिश है कि किसी तरह बातचीत सफल हो जाए और काबुल में मिली-जुली सरकार चले, ताकि लोगों को कम तकलीफ नहीं हो। हालांकि, तालिबान से साफ कर दिया है, कि काबुल की सत्ता वह सीधे अपने हाथों में लगा।इसके बाद सबकुछ तालिबान पर ही निर्भर है।