छत्तीसगढ़ के कवर्धा में जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) अब अपने ही चेतावनी पत्र में फंस गए हैं। टीचरों को दिए गए नोटिस में ही दो जगह गड़बड़ी है। इसमें असमर्थता को 'असर्मथता' लिखा गया है। इसके बाद शिक्षकों ने उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू कर दी है। कहा कि ऐसे अफसर को पद पर रहने का अधिकार नहीं है। बच्चों को पढ़ाने में लापरवाही और अनुपस्थित होने पर DEO ने प्रधान पाठक समेत 4 शिक्षकों को चेतावनी पत्र जारी किया था। साथ ही दो टीचरों की वेतन वृद्धि रोकने के निर्देश भी दिए थे।कवर्धा DEO राकेश पांडेय ने निरीक्षण के दौरान कमी मिलने पर 5 अगस्त को लोहारा ब्लॉक के रक्शे गांव के प्राथमिक स्कूल के प्रधान अध्यापक नेमदास झारिया समेत 4 शिक्षकों को नोटिस जारी किया। इसमें कहा गया कि आपकी ओर से बच्चों को पढ़ाने में लापरवाही की जा रही है। इससे स्पष्ट होता है कि कर्तव्य सही से नहीं निभाया जा रहा है। इसी में लिखा गया कि बच्ची ने पाठ पढ़ने में 'असर्मथता' जाहिर की। अब इसी गलत शब्द को लेकर टीचरों ने मोर्चा खोल दिया है।DEO की तीन वार्षिक वृद्धि को रोक देना चाहिए
टीचरों ने DEO राकेश पांडेय के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपना विरोध शुरू कर दिया है। चेतावनी पत्र की कॉपी पोस्ट करने के साथ लिखा गया है कि उनकी तीन वार्षिक वेतन वृद्धि को रोक देना चाहिए। एक जिम्मेदार अधिकारी के पद पर रहते हुए सही वाक्य नहीं पढ़ पाने और लिख पाने के कारण उन्हें हटा भी दिया जाना चाहिए। एक ने लिखा है कि 'अंत्येष्टि' सही नहीं लिखने पर डंका बजाने वाले सर्वगुण संपन्न व्यक्ति अब इसकी जिम्मेदारी लेंगे या लिपकीय त्रुटि बताकर उसका भी वेतन रोक देंगे।31 जुलाई को DEO पहुंचे थे स्कूल का निरीक्षण करने दरअसल, पिछले दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था। कवर्धा में DEO राकेश पांडेय के मोहल्ला क्लास में निरीक्षण किया था। इस दौरान बच्चों के साथ-साथ पढ़ाने वाले टीचर भी फेल हो गए। DEO ने हिंदी में MA पास गुरुजी से 'अंत्येष्टि' शब्द लिखने को कहा, पर वे नहीं लिख सके। वहीं, चौथी और 7वीं क्लास में पढ़ने वाले बच्चे पहली क्लास की किताब नहीं पढ़ सके थे।छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि पहुंचे थे कलेक्टर से मिलने
वीडियो के आधार पर दैनिक भास्कर ने खबर 'DEO की क्लास में मास्टर जी फेल: हिंदी में MA पास और 'अंत्येष्टि' नहीं लिखना आता, पहली की किताब नहीं पढ़ सकी 7वीं की बच्ची, कविता और पहाड़ा भी नहीं आता' प्रकाशित की थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर निरीक्षण के दौरान शिक्षा विभाग के अफसरों के वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर डालने से रोकने की मांग की।दंडित करने की जगह सुधारात्मक सुझाव देना चाहिए था
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के कवर्धा अध्यक्ष रमेश चंद्रवंशी ने कहा कि उच्चाधिकारी के लगातार प्रश्न पूछने से घबराहट में शब्द लिखने में गलती हो गई। ऐसे में सहायक शिक्षक को दंडित करने की जगह सुधारात्मक सुझाव दिया जाना चाहिए था। अब कार्रवाई आदेश में 'असमर्थता' शब्द का दो बार गलत लिखा गया है। इस पर DEO को स्वयं अपनी वेतनवृद्धि रोककर नैतिकता का परिचय देना चाहिए।