
बिलासपुर । कहते हैं सोने के जेवर और खाकी के तेवर अक्सर लोगो को महंगे पड़ते हैं लेकिन इन दिनों खाकी वर्दी पर एक कबाड़ी भारी पड़ रहा है, जी हां आपको यकीनन हैरानी होगी लेकिन आप बिल्कुल भी हैरान ना हो,नए पुलिस अधीक्षक दीपक झा के पदभार संभालने के बाद से उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जिले में जुआ,सट्टा, चोरी जैसी वारदातों पर लगाम कसा जाए जिसके बाद एक के बाद एक सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस द्वारा कार्रवाई की गई है।सूत्रों के अनुसार पुलिसिया संरक्षण प्राप्त सरकंडा क्षेत्र के नामचीन कबाड़ी संतोष रजक को इस बात की भनक पहले ही लग गयी और उसने अपने गोदाम से सामान को निकाल दिया, समान निकलने के बाद हमारी बहादुर पुलिस कबाड़ी संतोष के यार्ड पहुंची जहां उन्हें कुछ भी नही मिला और वह वापस थाने आ गयी,इसी के लिए एक कहावत कही गयी है कि सांप भी मर जाये और लाठी भी ना टूटे।
कबाड़ी के पार्टी में अक्सर नजऱ आते हैं पुलिसकर्मी
सूत्रों के मुताबिक कबाड़ी संतोष रजक द्वारा समय समय पर कथित पार्टी का आयोजन किया जाता है जहां खूब शराबखोरी की जाती है इन शराबखोरो मे केवल कबाड़ी और उसके नजदीक के पुलिसकर्मी ही शामिल होते हैं, इन पुलिसकर्मियों में आरक्षक से लेकर थाना प्रभारी भी होते हैं, जो कबाड़ी संतोष रजक के लिए काम करते हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को बताता है अपना गुलाम
सूत्र बताते है कि कबाड़ी संतोष रजक अपने आपको काफी रसूखदार बताता है उसके मुताबिक पुलिस के उच्चाधिकारियों से उसकी काफी अच्छी सेटिंग है, जिसे वह अपने मातहत काम करने वाले पुलिसकर्मियों को समय समय पर बताता रहता है, बहरहाल इस कबाड़ी पर नए पुलिस अधीक्षक की नजऱ कब पड़ती है और वे कब उन पुलिसकर्मियों की पहचान कर पाते है जो कबाड़ी के लिए काम करते हैं और उन पर क्या कार्रवाई होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा!