
धार जिले में तैनात रहे आबकारी अधिकारी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गुरुवार को विशेष न्यायालय इंदौर में आरोपी पराकमसिंह और उसकी पत्नी विभावरी कुमारी के विरूद्ध चालान पेश किया गया। इसमें आरोपी पराक्रम सिंह की जमानत अर्जी खारिज कर उसे जेल भेजा है, वही आरोपी की पत्नी को अग्रिम जमानत दी गई। लोकायुक्त पुलिस ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में 3 साल पहले छापामार कार्रवाई की थी। इसमें आरोपी पराक्रमसिंह चंद्रावत और उसकी पत्नी विभावरी की करोड़ों की संपत्ति उजागर हुई गई थी।
छापेमारी के दौरान कुल 3 करोड़ 25 लाख 44 हजार 500 रुपए की आय से अधिक संपत्ति पाई गई थी। कार्रवाई में 9 लाख रुपए की विदेशी मुद्रा भी मिली थी। साथ ही तीन लाख रुपए की 45 बोतल अवैध शराब भी बरामद हुई थी।
5-18 हजार रुपए तक की शराब
तलाशी में अवैध रूप से रखी 45 बोतल शराब भी मिली थी, जिस पर विजय नगर थाने को सूचना देने पर पुलिस ने शराब जब्त की और आबकारी अधिकारी के खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था। जब्त शराब में कई बोतलें विदेश की थी, जिनकी कीमत पांच हजार से लेकर 18 हजार रुपए तक थी। इंदौर स्थित आवास की तलाशी में 8 लाख 86 हजार रुपए की विदेशी मुद्रा मिली थी। पराक्रम के इंदौर स्थित घर में शेर की असली खाल में नकली शेर और बारह सिंगा भी लगे मिले थे।
ये संपत्ति सामने आई थी
- घर पर नकद 12 लाख और दोनों पेट्रोल पंप पर एक करोड़ 12 लाख रुपए
- 1 करोड़ रुपए कीमत के गहने
- बंसी ट्रेड सेंटर में दूसरी मंजिल पर एक फ्लैट
- बीसीएम हाइट्स के पांचवें माले पर एक दुकान
- स्कीम 140 में साढ़े पांच हजार वर्ग मीटर का प्लाॅट
- लसूड़िया मोरी क्षेत्र में एक प्लाॅट
- जावरा में 20 बीघा जमीन में छह वेयर हाउस
- दो मर्सिडीज, इनमें एक की कीमत 90 लाख रुपए
- 60 लाख रुपए कीमत की ऑडी कार
- सयाजी होटल के सामने पेट्रोल पंप (मां के नाम पर)
- एमआर-10 पर पेट्रोल पंप पत्नी विभावरी कुमारी चंद्रावत के नाम पर।
पिता की हत्या के बाद 2001 में मिली थी अनुकंपा नियुक्ति
पराक्रम के पिता नरेंद्रसिंह चंद्रावत 1996 में महू में थाना प्रभारी थे। एक गुंडे द्वारा किए गए हमले में उनकी मौत हो गई थी। सरकार ने पराक्रम को आबकारी अधिकारी पद पर 2001 में अनुकंपा नियुक्ति दी थी। लोकायुक्त डीएसपी यादव के मुताबिक ट्रेनिंग के बाद 2003 में पदस्थापना हुई थी। चंद्रावत विदेश यात्राओं के लिए भी चर्चा में रहे थे, जब वह स्विट्जरलैंड, दुबई, यूके समेत चार विदेश यात्राओं पर गए थे। उस समय आबकारी अधिकारी की वर्तमान में 75 हजार रुपए सैलरी थी। नौकरी में अब तक की उनकी तनख्वाह करीब 70 लाख रु. बनती है।