
बिलासपुर। छत्तीसगढ़। बीते दिनों बिलासपुर तहसील कार्यालय में कलेक्टर बिलासपुर नें अचौक निरीक्षण कर पेंडिंग मामलों को लेकर तहसीलदार को फटकार लगाई थी जिसके फलस्वरूप आज तहसील कार्यालय में राजस्व संबंधित पेंडिंग मामलों की सुनवार्ई रखी गई थी। अदालत में जो नजारा था उसे देखकर कहा जा सकता है कि वहां मौजूद लोगों द्वारा ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा था और ना ही ज्यादातर लोगों ने अपने मुंह पर मास्क लगाया था। कुल मिलाकर कोविड 19 की गाईड लाइन का पालन ही नहीं किया जा रहा था।
हालांकि न्यायालय परिसर की दीवार पर लगे सूचना पटल पर लिखी सूचना कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लिखी गई थी लेकिन उसका पालन कराने वाले और करनें वाला कोई एक व्यक्ति भी नजर नहीं आया।
बेतरतीब ढंग से लोगों की भीड़ कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर डेल्टा की दस्तक तहसील कार्यालय में दिखाई दे रही थी। सुनवाई के दौरान अदालत में आए किसी व्यक्ति ने तो सूचना पटल के कोरे हिस्से में यहां तक लिख कर व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिया कि क्या अभी तक किसी पर कोई कार्यवाही हुई है क्या!
फिलहाल कोरोना की बंदिशों से खुद को आजाद समझने वाले लोगों को समझना होगा कि प्रशासन ने लाक डाउन हटाया है किंतु कोविड 19 की गाईड लाइन का पालन आज भी उतना ही जरूरी है। आम जनता की तरह प्रशासनिक अधिकारी भी कोविड के नियमों से बंधे हैं जरूरत है जागरूकता और पालन किए जाने की।