जबलपुर में मैरिज ब्यूरो की आड़ में फर्जी शादी कराने वाले गिरोह के सदस्यों की निजी जिंदगी भी किसी कहानी से कम नहीं है। पन्ना के पीड़ित जयप्रकाश तिवारी से रजनी बनकर बात करने वाली केवलारी पनागर की ज्योति कुशवाहा की दूसरी शादी है। ज्योति का मायका महाराजपुर में है। पिता की 9 साल पहले ही मौत हो चुकी है। अहिरवार परिवार की ज्योति ने सरसुमा मनियारी निवासी राजेश रजक से प्रेम विवाह किया था। दोनों का 9 साल का बेटा भी है। तीन साल पहले राजेश की अटैक से मौत हो गई। फिर उसने पति के दोस्त केवलारी पनागर निवासी रविशंकर कुशवाहा से शादी कर बेटे संग रहने लगी थी।

पुलिस के मुताबिक, ज्योति ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। 5वीं तक पढ़ी ज्योति वैसे तो तुलसी नगर व कटंगा कॉलोनी में बंगलों में काम करती है। परिवार में सास, ससुर, ननद और नौ साल का बेटा है। पहले पति राजेश की 17 मार्च 2018 को अटैक से मौत के बाद वह अकेली पड़ गई थी। प्रेम विवाह करने की वजह से राजेश के घरवालों से अलग रहना पड़ता था। बाद में उसने रविशंकर कुशवाहा, जो उसके पति राजेश का दोस्त था, शादी कर ली। ज्योति का मायका महाराजपुर बस्ती में है। एक छोटी बहन थी, उसकी शादी करोंदी में हो चुकी है। मां सुदामा बाई वर्तमान में उर्दवाखुर्द में रहकर खेती-मजदूरी करती है। ज्योति अहिरवार से रजक और फिर कुशवाहा बनी।

2019 में गैंग में शामिल रेखा सोंधिया से कोर्ट में हुई थी मुलाकात

ज्योति का जेठ जितेंद्र कुशवाहा रेप के मामले में जेल में बंद है। वह पति के साथ जेठ से मिलने जेल और कोर्ट में जाती रहती थी। 2019 में कोर्ट में उसकी मुलाकात मेडिकल पावर हाउस के पास रहने वाली रेखा सोंधिया पति सचिन सोंधिया से हुई थी। रेखा का भी कोर्ट में धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। रेखा सोंधिया ने उससे बात की और बोली कि वह मैरिज ब्यूरो चलाती है। लोगों की शादी करवाती है। एक शादी में 20-22 हजार रुपए मिलते हैं। उसको भी तीन हजार रुपए देने का ऑफर दिया।

दमोह का पप्पू ठाकुर और रवि दुबे ढूढंते हैं ग्राहक

ज्योति के मुताबिक, रेखा के माध्यम से उसकी पहचान दमोह निवासी पप्पू ठाकुर से हुई। पप्पू ही शादी न होने वाले ग्राहकों को ढूंढता है। पप्पू के माध्यम से दमोह निवासी रवि दुबे से भी पहचान हुई थी। पूछताछ में ये बात सामने आई है कि इस गिरोह का मास्टर माइंड पप्पू ठाकुर और रवि दुबे ही है। पप्पू ठाकुर ने ही 13 दिन पहले एक शादी गढ़ाकोटा सागर में कराई थी। इसमें लड़की (दुल्हन) बनी थी छीनामानी की लक्ष्मी जो रेखा सोंधिया के घर में रह रही थी।

सुमन तिवारी और गिरफ्त में आ चुके आशीष तिवारी, सुनील ठाकुर व विपिन जैन।

 

हर किरदार की अलग कीमत

ज्योति को इसमें भाभी का रोल दिया गया था। शादी के बाद उसे तीन हजार रुपए मिले थे। ज्योति के मुताबिक, पप्पू ठाकुर उससे कई शादियों में चलने के लिए कहा था, लेकिन उसने मना कर दिया था कि रेखा को ले जाओ। दो जुलाई को पप्पू का फिर फोन आया। बोला कि इस बार रेखा मना कर रही है, तब वह तैयार हुई थी। बाद में पप्पू ने रवि दुबे से बात कराई। रवि दुबे ने कांफ्रेंस में लेकर उसकी बात पीड़ित पन्ना निवासी जयप्रकाश तिवारी से कराई थी। तब वह रजनी तिवारी बनकर बात की थी।

तीन महीने से पहले सुमन तिवारी उर्फ अंजलि तिवारी से हुआ था संपर्क

ज्योति के मुताबिक, तीन महीने से वह दुल्हन बनी अंजलि तिवारी उर्फ सुमन तिवारी और उसके पति भानू उर्फ विवेक जैन को जानती है। भानू इस फर्जी शादी में अंजलि के भाई के रोल में था और खुद का नाम विकास तिवारी बताया था। दरअसल, भानू के बड़े भाई विशाल जैन से ज्योति की मुलाकात कोर्ट में ही हुई थी। उसका भी कोई केस कोर्ट में चल रहा है। उसने ज्योति को उसके जेठ की जमानत कराने की भी बात कही थी। इसके बाद उसकी विशाल जैन से बात होने लगी। वह कई बार उसके घर भी आ चुका है। एक माह पहले 11 जून को उसकी ननद स्वाति जिसकी शादी दमोह में हुई है, घर आई थी। घर आए विशाल ने स्वाति को देखकर बोला कि वह उसे जानता है।

विशाल के साथ ही भानू आया था उसके घर

नारायणपुर गुलौआ चौक निवासी विशाल जैन के साथ ही उसका भाई भानू उसके घर आया था। बाद में भानू ने सुमन तिवारी से मिलवाया था। बताया था कि उन्होंने शादी नहीं की है और लिव-इन-रिलेशनशिप में पति-पत्नी की तरह अधारताल में किराए के मकान में रह रहे हैं। उसकी सुमन से बात होने लगी थी। चार जुलाई को सुमन का फोन उसके पास आया। बोली कि भानू शराब पीकर उसे मारता-पीटता है। कोई अच्छा लड़का बता, उससे शादी करूंगी। ज्योति के पास दो जुलाई को ही पन्ना निवासी जयप्रकाश तिवारी की शादी का प्रस्ताव आ चुका था। उसने सुमन को इसके बारे में बताया तो वह तैयार हो गई।

तीन युवतियों की फोटो ज्योति ने जयप्रकाश को भेजा था

ज्योति ने जयप्रकाश के पास सुमन, खुद की और रेखा सोंधिया की फोटो भेजी थी। जयप्रकाश ने सुमन को पंसद किया था। प्लान के अनुसार ही जयप्रकाश को आरोपियों ने 8 जुलाई को कोर्ट में शादी कराने की बात कह जबलपुर बुलाया था। गोलबाजार में रजनी बनकर पीड़ित को फंसाने वाली ज्योति मिली। उसके साथ अंजलि बनी सुमन और भाई बना उसका पति भानू उर्फ विकास तिवारी मिले थे। सभी कोर्ट में गए तो वहां अमखेरा नर्मदा नगर निवासी सुनील ठाकुर मिला। उसी ने नोटरी आदि तैयार कराई थी, जबकि शादी कराने वाले वकील का नाम अजय शुक्ला था। उसने 8 हजार रुपए लिए थे। शादी के बाद गोलबाजार सभी लौटे तो वहां नकली पुलिस वाले बने गढ़ा फाटक निवासी विपिन जैन, आशीष तिवारी सहित चार लोगों की एंट्री हुई। चारों मारपीट करने लगे और थाने में ले जाकर युवती को भगाने के आरोपी में बंद करने की धमकी देकर 8500 रुपए वसूल लिए थे।

सुमन ने ज्योति से छीन लिए थे पैसे

ज्योति के मुताबिक, पीड़ित जयप्रकाश ने कपड़े-जेवर के लिए जो 1.10 लाख रुपए दिए थे। उसे सुमन ने ही मारपीट के दौरान उससे छीन लिए थे। वह भानू के साथ बाइक से निकल गई थी। छीनाझपटी में उसका मोबाइल भी टूट गया था। बाद में शाम 6.30 सुमन ने उसे अधारताल बुलाकर 20 हजार रुपए दिए थे। 60 हजार खुद पति-पत्नी ने रख लिए थे। 20 हजार रुपए सुनील उर्फ सोनू काे देना और 10 हजार रुपए नकली पुलिस बने विपिन जैन और उसके दोस्तों को दिए थे। ज्योति पैसे लेकर घर पहुंची तो पति से झूठ बोल दिया कि लोन पर रकम ली है। वह घर से झूठ बोलकर निकली थी कि सहेली के यहां जा रही है।