
बिलासपुर । निलम्बित सीनियर आईपीएस जी पी सिंह के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा दर्ज होने के बाद बदल रहे नित नए घटनाक्रम के बीच आज राज्य शासन ने जी पी सिंह मामले में हाईकोर्ट में कैविएट दायर कर दिया संभवत: अगले हफ्ते होने वाली सुनवाई में अब हाईकोर्ट राज्य शासन का भी पक्ष सुनेगा तत्पश्चात आईपीएस जी पी सिंह के मामले में कोई निर्णय होगा । वही विधि के जानकारों का कहना है कि चूंकि जी पी सिंह सीनियर आईपीएस है इसलिए उनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध करने से पूर्व केन्द्र से अनुमति आवश्यक थी अगर अनुमति ली गई है तो आईपीएस जी पी सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है और अगर अनुमति लिए बिना कार्यवाही की गई है तो हाईकोर्ट में जी पी सिंह को इस ग्राउण्ड का लाभ मिलेगा और वे संभवत: अंतरिम राहत पाने में कामयाब हो जाए ।
हाईकोर्ट में अक्सर मामलों में हाथ मलने वाली राज्य सरकार द्वारा दूसरे दिन ही कैविएट दायर करने से यह साफ हो गया है कि वह देशद्रोह मामले में कोई कसर नही छोडऩा चाहती आईपीएस जी पी सिंह मामले में पुलिस, ईओडब्ल्यू, एसीबी ने अपने हिस्से का काम कर दिया है अब राज्य सरकार के निर्णय को सही साबित करने का दारोमदार महाधिवक्ता कार्यालय का है संभवत: अगले सप्ताह से शुरू होने वाली सुनवाई में हाईकोर्ट में राज्य सरकार की साख बचाने की जिम्मेदारी जिन कंधों पर है उनके परफॉर्मेंस पर सबकी नजर अभी से जम गई है ।
गौरतलब है कि निलंबित सीनियर आईपीएस एडीजी जीपी सिंह के खिलाफ रायपुर के कोतवाली थाने में राजद्रोह के तहत एफआईआर दर्ज हुई है गुरुवार देर रात की गई एफआईआर और छापामार कार्रवाई को लेकर जीपी सिंह ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है एडीजी जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। जीपी सिंह के हवाले से कहा गया कि उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा जा रहा है। जिस डायरी और दस्तावेजों को आधार मानकर एफ आई आर की गई वह बहुत पुरानी है। प्रकरण में आने वाले सप्ताह में ही निर्धारित बेंच में सुनवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बीते सप्ताह ईओडब्ल्यू व एसीबी ने आय से अधिक संपत्ति और ब्लैक मेलिंग की जांच के तहत जीपी सिंह के कई ठिकानों में दबिश दी। इस दौरान करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज बरामद किए गए थे। जिसके बाद राज्य सरकार द्वारा उन्हें निलंबित कर उन पर राजद्रोह का जुर्म दर्ज किया गया । छापामार टीम को प्रॉपर्टी के दस्तावेजों के साथ ही जनप्रतिनिधियों, अफसरों और सरकार के खिलाफ लिखे हुए नोट वाले दस्तावेज मिले है। इन दस्तावेजों की जांच के बाद पुलिस ने यह पाया कि जीपी सिंह सरकार के खिलाफ साजिश रच रहे थे। जिसके बाद राज्य सरकार ने सीनियर आईपीएस पर राजद्रोह का मुकदमा दर्ज करने का निर्णय लिया बहरहाल जीपी सिंह के प्रकरण में राज्य सरकार ने हाई कोर्ट में कैविएट दाखिल कर दिया है। अब हाईकोर्ट इस मसले पर दायर याचिका में कोई फैसला देने के पहले राज्य सरकार का भी पक्ष सुनेगा।