मोदी कैबिनेट के विस्तार में मध्यप्रदेश से दो मंत्री बनाए जाएंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया के अलावा डॉ. वीरेंद्रकुमार खटीक के नाम पर मोहर लगा दी है। बड़ी बात है कि खटीक का नाम शपथ लेने वाले 43 मंत्रियों की सूची में सीनियरिटी के लिहाज से तीसरे नंबर पर है। सिंधिया का नाम चौथे पर है। इन नेताओं को राष्ट्रपति भवन में शाम 6 बजे मंत्री पद की शपथ दिलाई जानी है। इनमें टीकमगढ़ से सांसद वीरेंद्र खटीक भी शामिल हैं। दैनिक भास्कर ने सबसे पहले यह खबर बता दी थी कि सांसद खटीक को मौका दिया जा सकता है। अब मध्यप्रदेश के कोटे से मोदी सरकार में 5 मंत्री हो जाएंगे। इनके अलावा नरेंद्र तोमर (ठाकुर), प्रहलाद पटेल (लोधी) और फग्गनसिंह कुलस्ते (ST) भी हैं।

बुंदेलखंड के बड़े नेता वीरेंद्र खटीक सागर, टीकमगढ़ से 7 बार के सांसद हैं। सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में खटीक को लेकर चर्चा है कि थावरचंद गेहलोत चूंकि अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। लिहाजा, उनकी जगह इसी वर्ग से खटीक को मौका दिया गया है। इसके अलावा खटीक टीकमगढ़ से सांसद हैं, जिसकी सीमा उत्तर प्रदेश से सटी है। आने वाले दिनों में उत्तर प्रदेश में चुनाव हैं।

वीरेंद्र ने 5वीं से लेकर सागर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान साइकिल रिपेयरिंग का काम भी किया। वीरेंद्र खटीक की एक और पहचान है। वह है उनका सालों पुराना स्कूटर। वीरेंद्र खटीक जब सागर सांसद थे तो अपने पुराने स्कूटर से घूमा करते थे। उनकी यही सादगी उनकी पहचान बन गई है। एक कार्यक्रम के दौरान जब दिव्यांगों को दी जाने वाले ट्राई-साइकिलों में एक कार्यक्रम के दौरान जब दिव्यांगों को दी जाने वाले ट्राई-साइकिलों में हवा कम दिखी तो खुद सांसद वीरेंद्र खटीक पंप से पहियों में हवा भरने लगे थे।


मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में राज्यमंत्री रहे हैं

सांसद खटीक मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में सितंबर 2017 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए थे। 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोबारा सरकार बनने पर खटीक को 17 जून 2019 को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था। उन्होंने मोदी सहित मंत्रियों को शपथ दिलाई थी।

स्कूटर चलाने के अंदाज से चर्चा में रहते हैं खटीक

डॉक्टर वीरेंद्र खटीक अपनी सादगी की वजह से भी जाने जाते हैं। डॉक्टर वीरेंद्र खटीक सबसे पहले साल 1996 में लोकसभा चुन चुनाव जीत कर संसद पहुंचे थे। तब से लेकर अब तक वीरेंद्र खटीक 7 बार लोकसभा चुनाव जीत कर सांसद बन चुके हैं और यही वजह है कि उनके लम्बे चौड़े संसदीय संसदीय अनुभव को देखते हुए उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था।

सांसद डॉक्टर वीरेंद्र खटीक आखिर हैं कौन?

वीरेंद्र कुमार का जन्म 27 फरवरी 1954 में सागर में हुआ था. उनकी पत्नी कमल खटीक गृहिणी हैं। उनका एक बेटा और बेटी है. वे संघ, अभाविप, विहिप और बीजेपी में विभिन्न पदों पर रहे. सागर संसदीय सीट से 1996 में 11वीं लोकसभा का चुनाव उन्होंने पहली बार जीता था. उसके बाद 12वीं, 13वीं और 14वीं लोकसभा में सागर से प्रतिनिधित्व किया.

जनता दरबार से मिली प्रसिद्धि

लोकसभा सीट के नए परिसीमन के बाद टीकमगढ़ लोकसभा सीट पर भी जीत का सिलसिला जारी रहा। अब 15 वीं और 16 वीं लोकसभा में वे इसी सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। सागर के कलेक्ट्रेट परिसर में उन्होंने जनता दरबार की शुरुआत की और इसी से उन्हें प्रसिद्धि मिली।

वीरेंद्र खटीक का जीवन परिचय

- वीरेंद्र खटीक का जन्म 27 फरवरी 1954 को हुआ.

- डॉ. हरिसिंह गौड़ विश्‍वविद्यालय, सागर से एम.ए. (अर्थशास्‍त्र), पीएचडी (बाल श्रम) तक शिक्षा ग्रहण की।

- खटीक ने सागर यूनिर्वसिटी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुवात की।

- 1977 से ही एबीवीपी से जुड़ गए थे और आपातकाल के दौरान जेल में भी रहे।

- युवा मोर्चा से जुड़ने के बाद वह सक्रिय राजनीति में नित नए मुकाम हासिल करते रहे।

- 1996 के लोकसभा चुनाव में सागर संसदीय सीट से सांसद चुने गए।

- तब से लेकर अब तक वे 7 बार सांसद हैं।