भारतीय निवेशकों के बीच कवर्ड बांड तेजी से लोकप्रिय हुआ है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वित्त वर्ष 2021 में 2,218 करोड़ रुपये के कवर्ड बांड जारी किए गए जबकि सिर्फ दो वित्त वर्ष पहले मात्र 25 करोड़ के बांड जारी किए गए थे। वित्तीय योजनाकारों का कहना है कि कवर्ड बांड में निवेश पर बेहतर रिटर्न के साथ निवेश पर दोहरी सुरक्षा मिलती है। इसलिए हाल के दिनों में निवेशकों के बीच इसकी मांग बढ़ी है। बाजार में कई कवर्ड बांड ऐसे हैं जो 11% तक का रिटर्न ऑफर कर रहे हैं। इसमें केवल 10,000 रुपये से निवेश कर सकते हैं।

कवर्ड बॉन्ड क्या है?

किसी कंपनी को पैसों की जरूरत होती है, तो वह बॉन्ड इश्यू करके निवेशकों से पैसे जुटाती है, जिसे हम कॉर्पोरेट बॉन्ड कहते हैं। ठीक वैसे ही कवर्ड बांड है। इसमें सबसे खास बात यह है कि कवर्ड बॉन्ड में निवेशकों को दोहरी सुरक्षा मिलती है। इसलिए इसे कवर्ड बॉन्ड कहते हैं। नियमित सुरक्षित बांड की तरह, इन बांडों को भी संपत्तियों के एक पूल द्वारा समर्थित किया जाता है। हालांकि, नियमित सुरक्षित बॉन्ड के विपरीत, कवर किए गए बॉन्ड जारीकर्ता इन परिसंपत्तियों को एक स्वतंत्र ट्रस्ट में स्थानांतरित किया जाता है। इसका मतलब है कि अगर कोई बांड जारी करने वाला दिवालिया हो जाता है, तो इसमें बॉन्ड खरीदारों को पुनर्भुगतान में प्राथमिकता मिलती है जैसे हम गाड़ी या गोल्ड लोन का भुगतान करते हैं। इसे दिवालियापन-दूरस्थ बांड कहा जाता है।

तेजी से क्यों लोकप्रिय हो रहा?

लचीले मौद्रिक नीति के कारण निवेशकों को 2020 की शुरुआत से काफी कम रिटर्न मिला है। एफडी समेत दूसरी बचत योजनाएं पर ब्याज दर काफी कम हो गई है। वहीं, कवर्ड बांड में उन्हें एफडी और दूसरी बचत योजनाओं से अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद है। निवेश पर जोखिम भी कम है। इसके साथ कई कवर्ड बांड की स्कीम टैक्स लाभ भी प्रदान करती है। इसके चलते निवेशकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। बैंक एफडी के 6% और डेट म्यूच्युअल फंड के 7-8% रिटर्न के मुकाबले कवर्ड बॉन्ड में ज्यादा रिटर्न मिलता है।

मिलती है हमेशा अच्छी रेटिंग

कवर्ड बांड की संरचना को देखते हुए, रेटिंग एजेंसियां अक्सर उन्हें जारीकर्ता की तुलना में उच्च रेटिंग प्रदान करती हैं, जिसे 'क्रेडिट एन्हांसमेंट' कहा जाता है। यह जारीकर्ता को इन बांडों के खिलाफ कम ब्याज दर की पेशकश करने की अनुमति देता है। व्यक्तिगत और संस्थागत निवेशक जो उच्च रेटिंग की मांग करते हैं, वे इन बांडों को खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि कोई निवेशक केवल एए-रेटेड बांड खरीदता है, तो ए-रेटेड जारीकर्ता भी कवर किए गए बॉन्ड जारी कर सकता है, जिन्हें 'एए' रेट किया जाता है, जिससे वे इस निवेशक के लिए एक निवेश विकल्प बन जाते हैं।