
जबलपुर में एक चिटफंड कंपनी ने 400 दिनों में चार गुना रकम करने का लालच देकर 68 लाख रुपए ठग लिए। कंपनी ने औरों से भी ठगी की है। कंपनी कार्यालय में ताला लगाकर भाग गई। पिछले चार महीने से कंपनी ने निवेशकों काे लाभ की रकम नहीं दी तो वे उसके कार्यालय पहुंचे। ताला देखा लार्डगंज थाने पहुंचे और ठगी का प्रकरण दर्ज कराया।
लार्डगंज TI प्रफुल्ल श्रीवास्तव के मुताबिक गुरुकुल स्कूल के पास संजीवनी नगर निवासी गोविंद नागोत्रा ने ठगी की शिकायत दर्ज कराई। बताया कि वह खेती करता है। डेढ़ साल पहले छिंदवाड़ा वासी सुनील आम्रवंशी जबलपुर आए थे। पूर्व परिचित होने के चलते उन्होंने फोन कर मिलने बुलाया। वह उनके बताए अनुसार मानस भवन के सामने नेपियर टाउन नागल हाउस के प्रथम तल स्थित ADV मार्ट कम्पनी (TC ADVT वेंचर प्राईवेट लिमिटेड) में मिला।
कंपनी के डायरेक्टर से मिलाकर फायदे की स्कीम बताई
सुनील आम्रवंशी ने उसे कंपनी के डायरेक्टर राकेश सिंह और कंपनी के अधिकारी राकेश गुप्ता से मिलवाया। बताया कि दोनों दमुआ छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं। बताया कि 15 सालों से ये जबलपुर में रहकर प्रापर्टी शेयर ट्रेडिंग और विज्ञापन एजेंसी के क्षेत्र में काम करते हैं। जबलपुर में इनका करोड़ों का व्यवसाय है। राकेश सिंह TC ADVT वेंचर प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी, ADV मार्ट कम्पनी और मास्टर ट्रेड के मालिक हैं। राकेश सिंह व राकेश गुप्ता ने बताया कि वे एक इनवेस्टमेंट प्लान चला रहे हैं। इसमें दो हजार से पांच लाख रुपए तक निवेश करने पर हम होने वाले मुनाफे से एक प्रतिशत प्रतिदिन के हिसाब से 400 दिनों तक चार गुना होने तक निवेशक को रकम देते रहेंगे।
निवेश राशि के एवज में चेक की गारंटी देती है उनकी कंपनी
दोनों जालसाजों ने समझाया कि कंपनी निवेशकों को उनकी लगाई गई राशि के एवज में बैंक चेक देती है। राकेश गुप्ता ने बताया कि उनकी कंपनी कमोडिटी में शेयर ट्रेडिंग करती है। इसमें कंपनी को 2 से 5 प्रतिशत प्रतिदिन अर्निंग होती है। इसी से एक प्रतिशत राशि वे निवेशकों को देंगे। दोनों ने झांसे में फंसाने के लिए बताया कि यह उनका निजी ऑफिस है और सुखसागर मेडिकल काॅलेज के पास 20 एकड़ का फार्महाउस और ग्राम पडुवा तेवर में नेचरहोम के नाम से आलीशान फार्म हाउस है।
फार्म हाउस का भी विजिट कराया
कंपनी के कथित मालिक राकेश सिंह ने अपने साथी पडुवा तेवर निवासी गोविंद पटेल के साथ उसे विजिट भी कराया। गोविंद पटेल ने भी उसे कंपनी की स्कीम के बारे में बताकर लालच दिया। उनकी बातों से प्रभावित होकर उसने कंपनी में 1 लाख 56 हजार रुपए का निवेश किया। लगातार रिटर्न मिलने पर चार माह बाद उसने पत्नी के जेवर गिरवी रखकर 5 लाख 60 हजार रुपए और निवेश किए। 2 लाख रुपए RTGS से तो 3 लाख रुपए रंजना नाग ने अलग से जमा किए थे।
कंपनी की वेबसाइट पर दिखती थी रकम
पीड़ित गोविंद नागोत्रा के मुताबिक आरोपी कंपनी की वेबसाइट पर निवेश वाली रकम को दिखाते थे। एक लाख रुपए वेबसाइट पर दिख रहा है। 3.60 लाख रुपए जो दिए थे, उसका गारंटी चेक भी नहीं दिया और कंपनी की वेबसाइट पर पूरी रकम की बजाए 2.60 लाख रुपए ही दिख रही है। उसने कंपनी के स्कीम के बारे में अपने मित्र बालाघाट निवासी सुमित नाग, पड़ोसी श्याम वर्मा, रमेश साहू सहित अन्य लोगों को बताई तो उन लोगों ने भी कंपनी में निवेश किया। सभी ने कुल 68 लाख रुपए जमा किए। कई निवेशकों ने प्रॉपर्टी गिरवी रखकर पैसे लगाए थे।
लार्डगंज थाने में पीड़ितों ने दर्ज कराई एफआईआर।
ऑफिस में ताला लगाकर कंपनी भागी
पिछले चार महीने से कंपनी ने कोई रिटर्न नहीं दिया। कंपनी का कोई भी व्यक्ति फोन भी नहीं उठा रहा था। सभी के मोबाइल बंद हो गए। वे लोग कंपनी के ऑफिस पहुंचे तो वहां ताला लटका था। कंपनी की ठगी के शिकार लोग लार्डगंज थाने पहुंची। पुलिस ने मामले में कंपनी के डायरेक्टर राकेश सिंह, अधिकारी राकेश गुप्ता, गोविंद पटेल के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत, और मप्र निक्षेपकों के हितों का सरंक्षण अधिनियम का प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया है। एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने आरोपियों की धरपकड़ के लिए क्राइम ब्रांच की भी अलग से टीम लगाई है।