राजस्थान में संविदा के आधार पर 10453 पदों पर कंप्यूटर अनुदेशकों की भर्ती का लगातार विरोध हो रहा है। बेरोजगार युवक सिर्फ राजस्थान में ही नहीं बल्कि दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय के बाहर भी प्रदर्शन कर रहे हैं। इस विरोध के बीच राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह कंप्यूटर अनुदेशकों की भर्ती संविदा पर लेने के फैसले पर पुनर्विचार करें। इस मुद्दे पर फिर से दिखाया जाएगा। अगर कानून सम्मत कोई निर्णय लिया जा सकता है तो लिया जाएगा

डोटासरा ने बुधवार को कहा कि राजस्थान सरकार अब जो भी नौकरी देगी उसमें रिटायरमेंट की तारीख से पहले किसी को भी नहीं निकाला जाएगा। दस हजार से ज्यादा कंप्यूटर अनुदेशकों की संविदा आधारित भर्ती की समीक्षा भी की जाएगी। इसके लिए कमेटी का गठन होगा।

डाटोसरा ने कहा कि फिलहाल कंप्यूटर शिक्षक भर्ती में संविदा पर अनुदेशक लेने का फैसला लिया गया है। अगर कंप्यूटर के व्याख्याता लेते हैं तो वो स्थायी लिए जाएंगे। 

उन्होंने कहा, 'शिक्षित बेरोजगारों को कैसे अधिक से अधिक नौकरी के अवसर दिए जाएं, इस पर हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ काम रही है। कंप्यूटर शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी करने से पहले हम युवाओं की समस्या और चिंताओं के समाधान की हर कोशिश करेंगे।' 

गौतलब कि बजट घोषणा के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने 10 हजार 453 पदों के सृजन और इन पर संविदा आधार पर आवश्यकता अनुसार तत्काल भर्ती के लिए स्वीकृति दे दी है। इसमें से शिक्षा विभाग में कुल 9 हजार 862 बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक तथा 591 वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक के पद सृजित होंगे।